द्विपक्षीय संबंधों के दायरे से आगे जा चुके हैं चीन-भारत के रिश्ते: चीन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 8, 2019 05:32 PM2019-10-08T17:32:58+5:302019-10-08T17:34:24+5:30

साथ ही सन ने मोदी शी शिखर बैठक पर कहा कि दोनों नेता जिस आम सहमति तक पहुंचे हैं, दोनों पक्षों को उसका ठीक-ठीक संप्रेषण और ठोस क्रियान्वयन सुनिश्चित करना चाहिए।

China-India relations have gone beyond the scope of bilateral relations: China | द्विपक्षीय संबंधों के दायरे से आगे जा चुके हैं चीन-भारत के रिश्ते: चीन

द्विपक्षीय संबंधों के दायरे से आगे जा चुके हैं चीन-भारत के रिश्ते: चीन

चीन के राजदूत सन वाइदोंग ने कहा कि चीन-भारत के रिश्ते द्विपक्षीय संबंधों के दायरे से आगे जा चुके हैं और वैश्विक एवं सामरिक महत्व ग्रहण कर चुके हैं। उन्होंने कहा 'वुहान शिखर बैठक के सकारात्मक प्रभाव लगातार उजागर हो रहे हैं।'

साथ ही सन ने मोदी शी शिखर बैठक पर कहा कि दोनों नेता जिस आम सहमति तक पहुंचे हैं, दोनों पक्षों को उसका ठीक-ठीक संप्रेषण और ठोस क्रियान्वयन सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा 'चीन और भारत को अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मामलों पर संचार तथा समन्वय मजबूत करना चाहिए।' सन ने कहा 'दोनों पक्षों को ‘मतभेद प्रबंधन मॉडल’ से आगे जाना चाहिए और सकारात्मक ऊर्जा को जमा करना चाहिए।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन से पहले चीनी राजदूत सुन वीदोंग ने कहा कि भारत और चीन को क्षेत्रीय स्तर पर संवाद के माध्यम से शांतिपूर्वक विवादों का हल करना चाहिए और संयुक्त रूप से शांति तथा स्थिरता को बुलंद करना चाहिए। चेन्नई के समीप प्राचीन तटीय शहर मामल्लापुरम में शिखर सम्मेलन की तैयारियां कश्मीर मुद्दे की पृष्ठभूमि में हो रही है और दोनों पक्षों ने शी की भारत यात्रा की तारीखों की घोषणा अभी तक नहीं की है हालांकि समझा जाता है कि वह करीब 24 घंटे की यात्रा पर शुक्रवार को चेन्नई पहुंचेंगे।

चीनी दूत ने दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि भारत और चीन दोनों को ‘‘मतभेदों के प्रबंधन’’ के मॉडल से आगे जाना चाहिए और सकारात्मक ऊर्जा के संचय के जरिए द्विपक्षीय संबंधों को आकार देने और साझा विकास के लिए अधिकतम सहयोग की दिशा में काम करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्रीय स्तर पर, हमें शांतिपूर्वक बातचीत और विचार विमर्श के जरिए विवादों को हल करना चाहिए तथा संयुक्त रूप से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कायम रखना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि चीन-भारत संबंध द्विपक्षीय आयाम से आगे चले गए हैं और इनका वैश्विक और रणनीतिक महत्व है।

चीनी राजदूत ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों को रणनीतिक संचार को मजबूत करना चाहिए, परस्पर राजनीतिक भरोसा को बढ़ाना चाहिए, द्विपक्षीय संबंधों में दोनों नेताओं के स्थिर मार्गदर्शन का भरपूर लाभ लेते हुए दोनों नेताओं के बीच बनी सहमति का ठोस कार्यान्वयन सुनिश्चित करना चाहिए।’’

भारत ने जब जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला किया, तब भारत और चीन के संबंधों में कुछ तनाव आ गया। चीन ने भारत के फैसले की आलोचना की और उसके विदेश मंत्री वांग यी ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी यह मुद्दा उठाया। उसके कुछ दिनों बाद पाकिस्तान में चीन के राजदूत याओ जिंग ने कहा कि चीन कश्मीरियों की मदद के लिए काम कर रहा है ताकि उन्हें उनके मौलिक अधिकार और न्याय मिल सकें।

मोदी और शी के बीच पहला अनौपचारिक शिखर सममेलन वुहान में अप्रैल 2018 में हुआ था। उसके कुछ महीनों पहले ही डोकलाम में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक गतिरोध रहा था। उस सम्मेलन में मोदी और शी ने अपनी सेनाओं को ‘‘रणनीतिक निर्देश’’ जारी करने का फैसला किया था ताकि संचार को मजबूत किया जाए और परस्पर भरोसा तथा आपसी समझ बन सके। इस सम्मेलन में परस्पर विकास और समग्र संबंधों का विस्तार सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर वार्ता केंद्रित होने की संभावना है।

Web Title: China-India relations have gone beyond the scope of bilateral relations: China

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे