एक ट्वीट और खुल गया राज! गलवान में चीनी सैनिकों की भी हुई थी मौत, चीन ने पहली बार माना
By विनीत कुमार | Published: September 18, 2020 10:30 AM2020-09-18T10:30:00+5:302020-09-18T10:31:33+5:30
चीन के ग्लोबल टाइम्स अखबार के एडिटर इन चीफ ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि चीन के मारे गए सैनिकों की संख्या भारत के 20 सैनिकों से बहुत कम है। यह पहली बार है जब चीन की ओर से ये माना गया है कि उसके सैनिकों की भी मौत गलवान घाटी में हुए झड़प में हुई है।
चीन ने आखिरकार मान लिया है कि गलवान घाटी में हुए झड़प में चीनी सैनिकों को भी नुकसान पहुंचा था। हालांकि, चीन की ओर से एक बार फिर कोई आंकड़ा नहीं दिया गया और साथ ही उसके सरकारी अखबार में कहा गया कि चीन के हताहत हुए सैनिकों की संख्या भारत के शहीद हुए 20 सैनिकों से काफी कम है। दरअसल, ये बात चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स की ओर से कही गई।
ग्लोबल टाइम्स के एडिटर-इन-चीफ हु जिन ने भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के एक बयान को खारिज करते हुए ये बड़ी बातें कही। जिन ने कहा, 'जहां तक मैं जानता हूं, 15 जून को गलवान घाटी की झड़प में चीनी सैनिकों के मारे जाने की संख्या भारत के 20 सैनिकों से काफी कम है। किसी भी चीनी सैनिकों भारतीय दल ने नहीं पकड़ा था लेकिन पीएलए ने उस दिन कई भारतीय सैनिकों को पकड़ा था।'
चीन का ग्लोबल टाइम्स अखबार चीन की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी की अखबार है और यहां छपने वाले बयान एक तरह से चीन के आधिकारिक बयान के तौर पर देखे जाते हैं। जिन के ट्वीट के अलावा इस संबंध में एक रिपोर्ट भी ग्लोबल टाइम्स में छपी है। इसमें भी कम सैनिकों के मारे जाने की बात कही गई है।
गौरतलब है कि चीन की ओर से ये कबूलनामा राजनाथ सिंह सदन में दिए बयान के बाद आया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में चीन सीमा पर जारी तनाव की जानकारी देश को दी थी। इससे पहले मंगलवार को भी उन्होंने लोकसभा में चीन-भारत गतिरोध पर संसद को जानकारी दी थी।
राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा कि भारत सभी नियमों और समझौतों का पालन कर रहा है, लेकिन चीन की ओर से बार-बार इनका उल्लंघन किया जा रहा है। राजनाथ सिंह ने साथ ही कहा कि चीन के कथनी और करनी में बड़ा अंतर है।
बता दें कि सूत्रों के अनुसार गलवान झड़प में चीन में बड़ी संख्या में सैनिकों के हताहत होने की खबर आई थी। हालांकि चीन बार-बार इनकार करता रहा है। उसने अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है।
सूत्रों के हवाले से ऐसी भी खबरें आई थी कि चीन ने अपने मारे सैनिकों के परिवार वालों को हिदायत दी थी कि वे किसी गुप्त स्थान पर सैनिकों का अंतिम सस्कार करें और कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करें।
यही नहीं पिछले महीने चीन की पुलिस ने सोशल मीडिया पर ‘अफवाहें फैलाने के मामले’ में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया जिसने लिखा था कि भारत-चीन के बीच सीमा पर संघर्ष के दौरान घटिया सैन्य वाहनों की वजह से पीएलए के जवानों की मौत हुई।
चीन के रक्षा मंत्रालय से संबद्ध चिनामिल डॉट कॉम की खबर के अनुसार, झोऊ उपनाम वाले व्यक्ति को ‘ऑनलाइन अफवाहें फैलाने’ के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘वीचैट मूमेंट्स’ पर लिखा था कि डोंगफेंग ऑफ-रोड व्हीकल कंपनी लिमिटेड ने जिन सैन्य वाहनों की आपूर्ति की, उनकी खराब गुणवत्ता की वजह से चीन-भारत सीमा संघर्ष में चीनी सैनिकों की मौत हो गयी।