Breaking News: गलवान के बाद अब लद्दाख के देपसांग में लामबंदी कर रहा है चीन
By स्वाति सिंह | Updated: June 24, 2020 19:37 IST2020-06-24T19:24:16+5:302020-06-24T19:37:16+5:30
पूर्वी दौलत बेग ओल्डी में चीनी लामबंदी की जा रही है। जून महीने में चीनी बेस के पास कैंप और वाहन देखे गए हैं। चीन की ओर से ये बेस 2016 से पहले ही बनाए गए थे, लेकिन इस महीने सैटेलाइट तस्वीरों पता चला है कि यहां पर नए शिविरों और वाहनों के लिए ट्रैक बनाए गए हैं।

उधर, भारत और चीन के बीच सीमा पर चल रहे विवाद के बीच बुधवार को दोनों देशों ने राजनयिक वार्ता की।
नई दिल्ली: पूर्वी-लद्दाख में हुई झड़प के बाद अब चीन नए हिस्सों में चीन की ओर से लामबंदी की जा रही है। बताया जा रहा है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) और डेपसांग सेक्टरों में नया मोर्चा खोल सकती है।
इंडिया टुडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि इस बात की पुष्टि हुई है कि पूर्वी दौलत बेग ओल्डी में चीनी लामबंदी की जा रही है। जून महीने में चीनी बेस के पास कैंप और वाहन देखे गए हैं। चीन की ओर से ये बेस 2016 से पहले ही बनाए गए थे, लेकिन इस महीने सैटेलाइट तस्वीरों पता चला है कि यहां पर नए शिविरों और वाहनों के लिए ट्रैक बनाए गए हैं। जमीनी ट्रैकिंग के जरिये भी इसकी पुष्टि हो चुकी है।
उधर, भारत और चीन के बीच सीमा पर चल रहे विवाद के बीच बुधवार को दोनों देशों ने राजनयिक वार्ता की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत-चीन ने सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष रूप से पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। भारतीय पक्ष ने पूर्वी लद्दाख में हाल में हुईं घटनाओं पर अपनी चिंता व्यक्त की जिसमें 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प शामिल थी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि वार्ता के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि भारत-चीन को एलएसी का सख्ती से सम्मान और निरीक्षण करना चाहिए। दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने सहमति व्यक्त कर कहा कि इस तरह की समझ द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति स्थापित करने और दोनों देशों के व्यापक विकास में मदद करेगा।