कोविड-19 की तीसरी लहर में बच्चों के वयस्कों की तुलना में बहुत अधिक प्रभावित होने की संभावना नहीं

By भाषा | Published: June 17, 2021 10:04 PM2021-06-17T22:04:31+5:302021-06-17T22:04:31+5:30

Children unlikely to be affected much more than adults in the third wave of COVID-19 | कोविड-19 की तीसरी लहर में बच्चों के वयस्कों की तुलना में बहुत अधिक प्रभावित होने की संभावना नहीं

कोविड-19 की तीसरी लहर में बच्चों के वयस्कों की तुलना में बहुत अधिक प्रभावित होने की संभावना नहीं

नयी दिल्ली, 17 जून सार्स कोवी-2 ‘सीरो पॉजिटिविटी’ दर बच्चों में वयस्कों की तुलना में अधिक है और इसलिए ऐसी संभावना नहीं है कि भविष्य में कोविड-19 का मौजूदा स्वरूप दो साल और इससे अधिक उम्र के बच्चों को तुलनात्मक रूप से अधिक प्रभावित करेगा। देश में चल रहे एक अध्ययन के अंतरिम नतीजों में यह दावा किया गया है।

‘सीरो-पॉजिटिविटी’ रक्त में एक विशेष प्रकार की एंटीबॉडी की मौजूदगी है।

देश में कोविड-19 की तीसरी लहर में बच्चों और किशोरों के सर्वाधिक प्रभावित होने की आशंका को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच अध्ययन के नतीजे आए हैं।

अध्ययन के अंतरिम नतीजे मेडआरक्सीव में जारी किये गये हैं जो एक प्रकाशन पूर्व सर्वर है। ये नतीजे 4,509 भागीदारों के मध्यावधि विश्लेषण पर आधारित हैं। इनमें दो से 17 साल के आयु समूह के 700 बच्चों को, जबकि 18 या इससे अधिक आयु समूह के 3,809 व्यक्तियों को शामिल किया गया। ये लोग पांच राज्यों से लिये गये थे।

आंकड़े जुटाने की अवधि 15 मार्च से 15 जून के बीच की थी। इन्हें पांच स्थानों से लिया गया, जिनमें दिल्ली शहरी पुनर्वास कॉलोनी, दिल्ली ग्रामीण (दिल्ली-एनसीआर के तहत फरीदाबाद जिले के गांव), भुवनेश्वर ग्रामीण क्षेत्र, गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र और अगरतला ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं।

ये नतीजे बहु-केंद्रित, आबादी आधारित, उम्र आधारित सीरो मौजूदगी अध्ययन का हिस्सा है, जिसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया और डिपार्टमेंट फॉर सेंटर ऑफ मेडिसीन के प्रोफेसर पुनीत मिश्रा, शशि कांत और संजय के राय सहित अन्य विशेषज्ञों द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन यूनिटी अध्ययनों के तहत किया जा रहा है। यह अध्ययन पांच चयनित राज्यों में कुल 10,000 की प्रस्तावित आबादी के बीच किया जा रहा है।

नतीजों में कहा गया है, ‘‘सीरो मौजूदगी 18 साल से कम उम्र के आयु समूह में 55.7 है और 18 साल से अधिक उम्र के आयु समूह में 63.5 प्रतिशत है। वयस्कों और बच्चों के बीच मौजूदगी में सांख्यिकी रूप से कोई मायने रखने वाला कोई अंतर नहीं है।

अध्ययन के नतीजे के मुताबिक शहरी स्थानों (दिल्ली में) की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में सीरो पॉजिटिविटी दर कम पाई गई। ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों में वयस्कों की तुलना में अपेक्षाकृत कम सीरो पॉजिटिविटी पाई गई।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Children unlikely to be affected much more than adults in the third wave of COVID-19

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे