धारणाओं की बेड़ियों में खो रहा बचपन : सिसोदिया

By भाषा | Updated: October 23, 2021 16:20 IST2021-10-23T16:20:04+5:302021-10-23T16:20:04+5:30

Childhood lost in the shackles of perceptions: Sisodia | धारणाओं की बेड़ियों में खो रहा बचपन : सिसोदिया

धारणाओं की बेड़ियों में खो रहा बचपन : सिसोदिया

नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बच्चों के समक्ष आने वाली समस्याओं का उल्लेख करते हुए शनिवार को कहा कि बच्चों का बचपन धारणाओं की बेड़ियों में खो रहा है और इन्हें तोड़ने की जरूरत है।

उप मुख्यमंत्री दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) द्वारा बच्चों के जीवन पर चिल्ड्रेन फर्स्ट-जर्नल की शुरुआत के अवसर पर बोल रहे थे।

पत्रिका का पहला अंक बच्चों के जीवन पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव पर आधारित है।

सिसोदिया ने समारोह में कहा, ‘‘हम प्यार, देखभाल और स्नेह के नाम पर अपनी धारणाओं, अपने विचारों और परंपराओं को बच्चों पर थोपते हैं। इन्हीं धारणाओं के पिंजरों में बचपन खोता जा रहा है और हमें इनकी सलाखों को तोड़ने की जरूरत है ।’’

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने वाले उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति रविंदर भट्ट ने रेखांकित किया कि प्राथमिक तौर पर देखभाल करने वाले अपनों को गंवाने वाले बच्चों के समक्ष आने वाले मुद्दों की ओर पत्रिका ने ध्यान खींचा है।

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधी मदन बी लोकुर इस पत्रिका के सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष हैं । उन्होंने कार्यक्रम में पत्रिका के भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी।

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Web Title: Childhood lost in the shackles of perceptions: Sisodia

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