एमपी-छत्तीसगढ़ के किसानों की कर्जमाफी के बाद राजस्‍थान में होगा बड़ा ऐलान, ये है कांग्रेस का प्‍लान?

By धीरेंद्र जैन | Published: December 19, 2018 11:55 AM2018-12-19T11:55:44+5:302018-12-19T12:04:04+5:30

सोमवार को दो बड़े राज्यों मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्रियों ने शपथ ग्रहण के तुरन्त बाद किसानों की कर्जमाफी का ऐलान कर अपने चुनावी वादे को पूरा किया, वहीं राजस्थान के किसान इंतजार ही करते रह गए। 

Chief Secretary of Rajasthan met Chief Minister Gehlot, will take big decision on loan waiver of the farmers  | एमपी-छत्तीसगढ़ के किसानों की कर्जमाफी के बाद राजस्‍थान में होगा बड़ा ऐलान, ये है कांग्रेस का प्‍लान?

फाइल फोटो

राजस्थान के लगभग 59 लाख किसानों के 99 हजार करोड़ रुपये की कर्ज माफी को लेकर सरकार, वित्त विभाग, और सहकारिता विभाग असमंजस की स्थिति में हैं। आज यहां जयपुर में प्रदेश के मुख्य सचिव डी. बी. गुप्ता ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर उनसे मुलाकात कर किसानों के कर्ज के संबंध में चर्चा की। सहकारिता विभाग द्वारा तैयार आंकड़ों को देखते हुए कर्जमाफी तीन श्रेणियों में संभव हो, ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है। 

उल्लेखनीय है कि कल सोमवार को दो बड़े राज्यों मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्रियों ने शपथ ग्रहण के तुरन्त बाद किसानों की कर्जमाफी का ऐलान कर अपने चुनावी वादे को पूरा किया, वहीं राजस्थान के किसान इंतजार ही करते रह गए। जबकि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन उक्त दोनों राज्यों से पहले मुख्यमंत्री की बागडोर संभाली थी।

ऐसी संभावना जताई जा रही है कि मंत्रिमंडल के गठन के बाद किसानों के कर्जमाफी की घोषणा होगी। हालांकि कांग्रेस के सत्ता में आते ही प्रशासन कर्ज माफी को लेकर हरकत में आ चुका है। सरकार ने बैंको से किसानों के कर्ज के आंकड़े उपलब्ध कराने को कहा है। मध्यप्रदेश सरकार ने  38 हजार करोड का एवं छत्तीसगढ़ सरकार ने 6100 करोड़ रुपये के कुल कर्ज माफ कर किसानों को कर्ज से राहत दी है।

सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से किसानों की कर्जमाफी के संबंध में सभी तथ्यों और उपलब्ध वित्तीय संसाधनों की जानकारी ली। अशोक गहलोत आज सिविल लाइन्स पहुंचे और वहां का जायजा लिया। ऐसा माना जा रहा है कि अशोक गहलोत जल्द ही मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट हो सकते हैं। वहीं दूसरी ओर कर्जमाफी से आने वाले पहाड़ सरीखे वित्तीय भार को देखते हुए नई सरकार और आला अधिकारियों को सर्दी में भी पसीने छूट रहे हैं।

किसानों की कर्ज माफी से सीधे तौर पर जुड़े सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने कर्जमाफी के आंकड़े तैयार किए हैं और कहा जा रहा है कि तीन श्रेणियों में कर्जमाफी का फार्मूला सरकार को दिया है और अब यह सरकार पर है कि सरकार किस श्रेणी का कर्ज वित्तीय संसाधनों की दृष्टि से माफ करती है। राजनीति गलियारों में ऐसी चर्चा चल रही हैं कि अशोक गहलोत अपने कार्यालय पहुंच कर मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ की तर्ज पर कर्जमाफी की घोषणा कर सकते हैं।

ऐसे हैं राजस्‍थान के कर्जदार

सहकारिता विभाग के अफसरों के अनुसार 50 हजार तक के कर्ज वाले किसानों की संख्या 16 लाख, 50 से 1.50 लााख तक की संख्या 8 लाख और तीन लाख तक के ऋणधारी किसानों की संख्या 1 लाख से अधिक है। कुल मिलाकर 25 लाख के करीब किसान हैं। भाजपा सरकार द्वारा जिन 30 लाख किसानों का कर्ज माफ किया वे इसमें शामिल नहीं हैं।

कर्जमाफी से पड़ेगा 12 हजार करोड़ का भार

उल्लेखनीय है कि सहकारिता विभाग के अधिकारियों द्वारा दी जा रही जानकारी के अनुसार अगर सरकार किसानों का कर्ज माफ करती है तो सरकार पर 12 हजार करोड़ का भार पड़ेगा और साथ ही जिन किसानों का गत सरकार द्वारा 50 हजार तक का कर्ज माफ हो चुका है उन्हें भी सरकार अगर शामिल करे तो यह आंकडा 99 हजार करोड़ तक पहुंच जाएगा।

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