चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा, "न्यायपालिका सत्ता या विपक्ष के लिए नहीं बल्कि संविधान के प्रति जवाबदेह है"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 2, 2022 08:10 PM2022-07-02T20:10:42+5:302022-07-02T20:14:18+5:30

अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एसोसिएशन ऑफ इंडियन अमेरिकन्स की ओर से आयोजित एक समारोह में चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि भारत में न्यायपालिका न तो सत्ता के लिए जिम्मेदार हैं और न ही विपक्षी दलों के लिए। दोनों पक्षों को यह बात समझनी होगी कि देश की न्यायपालिका केवल और केवल संविधान के प्रति जवाबदेह है।

Chief Justice NV Ramana said, the judiciary is not answerable to the power or the opposition but to the Constitution | चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा, "न्यायपालिका सत्ता या विपक्ष के लिए नहीं बल्कि संविधान के प्रति जवाबदेह है"

फाइल फोटो

Highlightsमुख्य न्यायधीश एनवी रमना ने न्यायपालिका और विधायिका के उलझे रिश्तों पर की तीखी टिप्पणी उन्होंने कहा कि सत्ता और विपक्ष इस बात को समझे कि न्यायपालिका केवल संविधान के प्रति जवाबदेह है

दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायधीश एनवी रमना ने अमेरिका में भारत की मौजूदा न्यायपालिका और विधायिका के उलझे रिश्तों पर बड़ी ही तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि न्यायपालिका सत्ता या विपक्ष के लिए नहीं बल्कि संविधान के प्रति जवाबदेह है।

शनिवार को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एसोसिएशन ऑफ इंडियन अमेरिकन्स की ओर से आयोजित एक समारोह में चीफ जस्टिस ने कहा कि भारत में सत्ता चला रहे दलों का विश्वास होता है कि न्यायपालिका सरकारी फैसलों का न्यायिक समर्थन करे, जबकि विपक्षी दलों को आंकलन होता है कि न्यायपालिका उनके द्वारा पेश किये गये मुद्दों का समर्थन करेगा। जबकि ऐसा नहीं है, दोनों पक्षों को यह बात समझनी होगी कि देश की न्यायपालिका केवल और केवल संविधान के प्रति जवाबदेह है। 

इसके साथ ही सीजेआई रमना ने कहा, "जैसा कि हम इस वर्ष देश आजादी का 75वां वर्ष मना रहा है और हमारा गणतंत्र भी 72 वर्ष का हो गया है लेकिन उसके बाद भी मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि हमने अभी भी संविधान द्वारा प्रत्येक संस्थान को सौंपी गई भूमिकाओं और जिम्मेदारियों की पूरी तरह से सराहना करना नहीं सीखा है।"

मुख्य न्यायधीश ने कहा, "हमारे यहां आम जनता को भी इस बात का बोध नहीं है और वो भी अज्ञानता के कारण ऐसी ताकतों की सहायता करती हैं, जिनका एकमात्र उद्देश्य न्यायपालिका को खत्म करना है। मैं इस बात को पूरी तरह से स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम केवल और केवल संविधान के प्रति जवाबदेह हैं। ”

उन्होंने कहा कि "संविधान में दी गई नियंत्रण और संतुलन की व्यवस्था को लागू करने के लिए हमें संवैधानिक संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए। हमें व्यक्तियों और संस्थानों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। लोकतंत्र को मजबूत बनाने में सभी की महत्वपूर्ण भागीदारी है"।

अमेरिका दौरे पर चीफ जस्टिस ने अमेरिका का ही उदाहरण देते हुए कहा, "भारत सहित दुनिया में हर जगह चाहे वो अमेरिका ही क्यों न हो, समावेशिता को सम्मानित करने की आवश्यकता पर जोर दिया और आगाह किया कि "एक गैर-समावेशी दृष्टिकोण केवल आपदा का कारक होता है।"

अमेरिका में भारतीय समुदाय की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए सीजेआई रमना ने कहा, “यह अमेरिकी समाज की सहनशीलता और समावेशी प्रकृति है, जो दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को अपने यहां आमंत्रित करता है और वो प्रतिभाएं अमेरिका के इस सहयोग के बदले विकास में योगदान देती हैं।”

इसके साथ अपने संबोधन के अंत में सीजेआई रमना ने सरकार और विपक्ष की परिपक्वता पर तंज कसते हुए कहा कि “पूरी दुनिया में सरकार बदलने के साथ नीतियां बदलती हैं लेकिन कोई भी समझदार, परिपक्व और देशभक्त सरकार नीतियों में इस तरह से बदलाव नहीं करेगी, जो देश के विकास को धीमा कर दे या फिर उसे रोक दे। दुर्भाग्य से भारत में जब सत्ता परिवर्तन होता है, तो हमें अक्सर ऐसी संवेदनशीलता और परिपक्वता को देखने को नहीं मिलती है।"

Web Title: Chief Justice NV Ramana said, the judiciary is not answerable to the power or the opposition but to the Constitution

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