सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा, "समाचार चैनलों के स्व-नियमन को और कड़ा करने की जरूरत है"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 19, 2023 10:18 AM2023-09-19T10:18:22+5:302023-09-19T10:22:38+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने समाचार चैनलों पर प्रसारित हो रही खबरों को लेकर अपनी नाराजगी एक बार फिर जाहिर की है।

Chief Justice DY Chandrachud's bench in the Supreme Court said, "Self-regulation of news channels needs to be further tightened" | सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा, "समाचार चैनलों के स्व-नियमन को और कड़ा करने की जरूरत है"

फाइल फोटो

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने समाचार चैनलों पर प्रसारित हो रही खबरों को लेकर फिर जाहिर की अपनी नाराजगीअदालत ने कहा कि वह समाचार चैनलों की निगरानी के स्व-नियामक तंत्र को "सख्त" करना चाहता हैकोर्ट ने कहा कि खबरों के नाम पर पेश की जा रही भ्रामक जानकारियों को रोकना बेहद जरूरी है

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने समाचार चैनलों पर प्रसारित हो रही खबरों को लेकर अपनी नाराजगी एक बार फिर जाहिर की है। देश की सर्वोच्च अदालत ने बीते सोमवार को कहा कि वह टीवी समाचार चैनलों की निगरानी के स्व-नियामक तंत्र को "सख्त" करना चाहता है ताकि खबरों के नाम पर पेश की जा रही आपत्तिजनक और भ्रामक जानकारियों को रोका जा सके।

समाचार वेबसाइट द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने यह आदेश उन दलीलों को ध्यान देते हुए दिया कि एनबीडीए नए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए अपने वर्तमान और पूर्व अध्यक्षों, रिटायर्ड जस्टिस एके सीकरी और रिटायर्ड जस्टिस आरवी रवींद्रन के साथ परामर्श कर रहा है। एनबीडीए की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच से नए दिशानिर्देश लाने के लिए चार सप्ताह के समय की मांग की।

जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में  न्यूज ब्रॉडकास्टर्स और डिजिटल एसोसिएशन को नए दिशानिर्देश लाने के लिए चार और सप्ताह का समय दे दिया है।

मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि नए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए एनबीडीए पहले से ही पूर्व न्यायाधीश एके सीकरी और आरवी रविंद्रन के साथ परामर्श कर रहा था। अदालत टीवी चैनलों के स्व-नियमन पर प्रतिकूल टिप्पणियां करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एनबीडीए की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

वरिष्ठ वकील दातार ने एनबीडीए द्वारा जस्टिस एके सीकरी और आरवी रवींद्रन के साथ की गई बैठकों के संबंध में अदालत को अवगत कराते हुए कहा, "वह संपूर्ण दिशानिर्देशों को फिर से तैयार कर रहा है।" वहीं केंद्र सरकार ने अपनी ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के माध्यम से कोर्ट को बताया कि सरकार भी समाचार चैनलों के स्व-नियमन के संबंध में अदालत की चिंताओं से वाकिफ है।

वहीं न्यूज ब्रॉडकास्टर फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनबीएफआई) की ओर से कोर्ट में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि एनबीएफआई साल 2022 के नियमों के अनुसार केंद्र के साथ पंजीकृत एकमात्र नियामक संस्था है, इसके विपरीत एनबीडीए केंद्र ने नियमों के तहत पंजीकरण करने में विफल रही है।

वकील महेश जेठमलानी की दलील सुनने के बाद चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “हम आपके वैचारिक मतभेदों (एनबीडीए और एनबीएफआई) को सुनने के लिए यहां नहीं बैठे हैं। आप अपना मसला अलग सुलझाएं। हम नहीं चाहते कि यह याचिका एनबीडीए और एनबीएफआई की आपसी तनाव के शोरगुल में खो जाए।”

Web Title: Chief Justice DY Chandrachud's bench in the Supreme Court said, "Self-regulation of news channels needs to be further tightened"

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