चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह से कहा, "धमकी मत दीजिए, फौरन मेरे कोर्ट से बाहर निकलिये", जानिए पूरा मामला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 2, 2023 02:39 PM2023-03-02T14:39:20+5:302023-03-02T15:42:03+5:30
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और बार एसोसिएशन के प्रमुख विकास सिंह के बीच में काफी तीखी बहस हुई। बात इस हद तक पहुंच गई कि चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने वरिष्ठ वकील विकास सिंह से कहा कि आप अभी इसी वक्त मेरी कोर्ट को छोड़ दें। आप तुरंत बाहर निकलें।
दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट में आज उस समय माहौल बेहद तल्ख हो गया। जब चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रमुख विकास सिंह के बीच में काफी तीखी बहस हो गई। बात इस हद तक पहुंच गई कि चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने वरिष्ठ वकील विकास सिंह को बेहद गुस्से में कहा, "आप अभी इस अदालत को छोड़ दें। आप तुरंत बाहर निकलें। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष होने का यह मतलब नहीं है कि आप हमें दबा सकते हैं।"
दरअसल चीफ जस्टिस के इस आक्रामक तेवर के पीछे मुद्दा था सुप्रीम कोर्ट में वकीलों के चैंबर के लिए भूमि आवंटन के मसले पर दायर याचिका की लिस्टिंग न होना। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह इस केस की लिस्टिंग न होने पर नाराजगी जाहिर कर रहे थे लेकिन धीरे-धीरे यह मुद्दा गरमागरम बहस में बदल गया।
विकास सिंह ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच के सामने मामले को उठाते कहा कि कई बार इस केस की लिस्टिंग की मांग हुई लेकिन हमारे बार-बार अनुरोध के बावजूद इसे सुनवाई वाले केस की सूची में शामिल नहीं किया जा रहा है।
विकास सिंह ने कोर्ट को बताया कि अब यह मामला छह बार लिस्टिंग से बाहर कर दिया गया है। जिसके जवाब में चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में वकीलों के चैंबर के लिए भूमि आवंटन की याचिका को सामान्य तरीके से सूचीबद्ध किया जाएगा।
इसके जवाब में वकील विकास सिंह ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "फिर तो हमें आपके निवास पर आना होगा।"
विकास सिंह की इस टिप्पणी को सुनते ही चीफ जस्टिस बुरी तरह से बिफर पड़े और बेहद तल्ख लहजे में कहा, "आप अभी इसी वक्त हमारी कोर्ट छोड़ दें, आप फौरन बाहर निकले यहां से। आप हमें ऐसे डरा नहीं सकते हैं।"
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के आक्रामक टिप्पणी से आहत विकास सिंह ने कहा, "आप इस बार के प्रति जवाबदेह हैं।"
जिसे सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा, "विकास सिंह जी, कृपया आवाज ऊंची न करें। आप सुप्रीम कोर्ट बार के अध्यक्ष हैं। इस नाते आपको बार का संरक्षक होना चाहिए लेकिन मुझे दुख है कि आप इस तरह के दलील से संवाद के स्तर को नीचे कर रहे हैं।"
सीजेआई ने आगे कहा, "आपने अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर की है और दावा किया है कि जो जमीन भारत के सुप्रीम कोर्ट को आवंटित की गई है। उसे हम वकीलों के चैंबर बनाने के लिए बार को सौंप दें।”
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "जब याचिका हमारे सामने सूचीबद्ध होकर आएगी तब हम इसे देखेंगे। लेकिन अभी आप इस तरह के तेवर हमें मत दिखाइये।"
विकास सिंह ने कहा कि वह तो केवल याचिका पर सुनवाई का अनुरोध कर रहे हैं। अगर अदालत चाहे तो मामले को खारिज भी कर सकती है।
इस बात पर सीजेआई ने कहा कि उन्होंने एक तारीख दी है और इस याचिका को 17 मार्च को सुना जाएगा। इसके बाद चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने विकास सिंह से कहा, "मैं सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस हूं। मैं यहां 29 मार्च 2000 से हूं। मैं इस पेशे में 22 साल से हूं। मैंने कभी भी खुद को बार के किसी सदस्य, किसी वादी या किसी और द्वारा अपमानित होने की अनुमति नहीं दी है और मैं अपने करियर के अंतिम दो वर्षों में भी ऐसा ही नहीं करने दूंगा।”