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छत्तीसगढ़ में सूरजपुरः एम्बुलेंस तक पहुंचने के लिए मां-बच्चे को टोकरी में ले छह किलोमीटर तक चले ग्रामीण

By भाषा | Updated: August 26, 2020 16:34 IST

ओड़गी विकासखंड के अंतर्गत बैजनपाठ गांव निवासी कृष्णा प्रसाद यादव ने बुधवार को बताया कि उसकी पत्नी रामदसिया (22) ने इसी महीने एक बच्चे को जन्म दिया है।

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ठळक मुद्देअधिकारियों के अनुसार एम्बुलेंस को घने जंगलों के मध्य बसे गांव तक पहुंचना संभव नहीं था इसलिए यह प्रयास किया गया।अस्पताल ले जाने की नौबत आई तब गांव तक एम्बुलेंस का पहुंच पाना मुश्किल हो गया था।एम्बुलेंस वहां तब नहीं पहुंच सकती है, तब कांवर के सहारे दोनों को छह किलोमीटर दूर खोहरी गांव तक पहुंचाया गया।

रायपुरः छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक बीमार महिला और उसके नवजात बच्चे को एम्बुलेंस तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने उन्हें टोकरी में बिठाकर छह किलोमीटर लंबा रास्ता पैदल तय किया।

दोनों की हालत स्थिर है। सूरजपुर जिले के अधिकारियों के अनुसार एम्बुलेंस को घने जंगलों के मध्य बसे गांव तक पहुंचना संभव नहीं था इसलिए यह प्रयास किया गया। हालांकि अब गांव तक सड़क बनाने पर विचार किया जा रहा है। जिले के ओड़गी विकासखंड के अंतर्गत बैजनपाठ गांव निवासी कृष्णा प्रसाद यादव ने बुधवार को बताया कि उसकी पत्नी रामदसिया (22) ने इसी महीने एक बच्चे को जन्म दिया है।

बच्चे के जन्म के बाद से ही मां की हालत ठीक नहीं थी। जब सोमवार को उसे अस्पताल ले जाने की नौबत आई तब गांव तक एम्बुलेंस का पहुंच पाना मुश्किल हो गया था। बाद में परिजनों की मदद से कांवर के सहारे दोनों को एम्बुलेंस तक पहुंचाया गया। यादव ने बताया कि सोमवार को उसकी पत्नी की हालत बिगड़ी तब उन्होंने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र को इसकी सूचना दी। लेकिन जानकारी मिली कि एम्बुलेंस वहां तब नहीं पहुंच सकती है, तब कांवर के सहारे दोनों को छह किलोमीटर दूर खोहरी गांव तक पहुंचाया गया।

उन्होंने बताया कि बाद में दोनों को बिहारपुर गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। सूरजपुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रानसाय सिंह ने बताया कि बैजनपाठ गांव में महिला के बीमार होने की जानकारी मिलने पर बिहारपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर सहित एक टीम खोहरी गांव तक पहुंच गयी थी। खोहरी गांव तक ही एम्बुलेंस पहुंच सकती है।

सिंह ने बताया कि महिला और बच्चे को एम्बुलेंस तक लाने के लिए ग्रामीणों को लगभग छह किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। इसके बाद वहां से मां-बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। उन्होंने बताया कि दोनों की हालत स्थिर है। सूरजपुर जिले के जिलाधिकारी रणबीर शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन जल्द ही मनरेगा योजना के तहत क्षेत्र में गांवों को जोड़ने के लिए सड़कों को मंजूरी देगा। शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश की सीमा से लगे ओड़गी विकासखंड में लगभग 15 गांव हैं।

इन गांवों में चार पहिया वाहनों की पहुंच के लिए सड़क नहीं है। शर्मा ने बताया कि उन्होंने मंगलवार को लोक निर्माण विभाग और अन्य संबंधित विभागों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है तथा मनरेगा के तहत इस क्षेत्र में सड़कों के निर्माण का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि वह अगले दो-तीन दिन में बैजनपाठ गांव का दौरा करेंगे और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई करेंगे। 

टॅग्स :छत्तीसगढ़भूपेश बघेलडॉक्टर
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