लाइव न्यूज़ :

छत्तीसगढ़ सरकार ने झीरम घाटी मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया

By भाषा | Updated: January 2, 2019 23:03 IST

छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के झीरम घाटी में 25 मई वर्ष 2013 को विधानसभा चुनाव से पहले नक्सलियों ने कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था।

Open in App

छत्तीसगढ़ सरकार ने झीरम घाटी हमला मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार ने बस्तर जिले के दरभा थाना क्षेत्र के अंतर्गत झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुई घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश जारी कर दिया है।

पुलिस मुख्यालय से जारी आदेश के अनुसार बस्तर रेंज जगदलपुर के पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद एसआईटी के प्रभारी होंगे। विशेष जांच टीम में सुंदरराज पी. पुलिस उपमहानिरीक्षक (नक्सल अभियान), एम.एल. कोटवानी, सेनानी, सुरक्षा वाहिनी माना (रायपुर), गायत्री सिंह, उप-सेनानी, तीसरी वाहिनी अमलेश्वर(दुर्ग), राजीव शर्मा, उप-पुलिस अधीक्षक सराईपाली (जिला महासमुंद), आशीष शुक्ला, निरीक्षक, जिला रायपुर, प्रेमलाल साहू, निरीक्षक, विशेष आसूचना शाखा, नरेन्द्र शर्मा, सेवानिवृत्त उप-पुलिस अधीक्षक बिलासपुर, एन.एन. चतुर्वेदी, विधि विशेषज्ञ, सेवानिवृत्त उप संचालक अभियोजन, तथा एम.के. वर्मा, विधि विज्ञान विशेषज्ञ, सेवानिवृत्त संचालक एफ.एस.एल. सागर (मध्यप्रदेश) वर्तमान में जिला रायगढ़ निवासी को सदस्य बनाया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि विशेष जांच दल का आदेश पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी ने जारी किया है।

गौरतलब है कि राज्य के बस्तर क्षेत्र के झीरम घाटी में 25 मई वर्ष 2013 को विधानसभा चुनाव से पहले नक्सलियों ने कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था। इस हमले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी।

हालांकि, झीरम हमला मामले की एनआईए ने जांच की है। कांग्रेस ने इस हमले के पीछे षडयंत्र की आशंका जताई है। राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस मामले की एसआईटी से जांच कराने की घोषणा की गई थी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि इस मामले की एनआईए की जांच हुई है, लेकिन एनआईए ने षडयंत्र की जांच नहीं की है। एसआईटी की जांच से षड़यंत्र और इसके पीछे कौन लोग हैं यह सामने आ सकेगा।

टॅग्स :छत्तीसगढ़ चुनावनक्सल
Open in App

संबंधित खबरें

भारतसरेंडर के लिए नक्सलियों को क्यों चाहिए वक्त?

भारतAndhra Pradesh: सुरक्षाबलों ने 7 माओवादियों को किया ढेर, मरने वालों में 3 महिलाएं भी शामिल

भारतदेश में अपनी अंतिम सांसें गिनता नक्सलवाद 

भारतHidma Killed: 30 नवंबर की समय सीमा और 18 नवंबर को ढेर?, अमित शाह ने माओवादी कमांडर माडवी हिडमा को लेकर दी थी डेडलाइन, 12 दिन पहले मारा गया

भारतSukma Encounter: देश का सबसे खतरनाक नक्सली मुठभेड़ में ढेर, साथ में पत्नी की भी मौत; सुरक्षा बलों को मिली बड़ी कामयाबी

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत