छठ महापर्व को लेकर बिहार सरकार ने जारी की गाइडलाइन, घाट पर जाने से पहले जान लें ये नियम
By स्वाति सिंह | Updated: November 15, 2020 21:56 IST2020-11-15T21:52:45+5:302020-11-15T21:56:48+5:30
जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक, छठ पूजा के आयोजकों- कार्यकर्ताओं और उससे संबंधित अन्य व्यक्तियों को समय समय पर साफ सैनेटाइज किया जाए। छठ पूजा घाट पर अक्सर स्पर्श की जाने वाले सतहों और बैरिकेडिंग को समय समय पर साफ किया जाए और सैनेटाइज किया जाए।

ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने घर में ही छठ की पूजा के लिए प्रेरित किया जाए।
पटना: कोरोना काल में छठ पूजा को लेकर बिहार सरकार ने रविवार को गाइलाइन जारी कर दी है। बिहार सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी गाइडलाइन के मुताबिक, लोगों को सलाह दी गई है कि वह नदियों-तालाबों पर छठ पूजा करने के बजाए घरों पर ही अर्घ्य दें। वहीं, इस बार छठ के अवसर पर न मेला लगेगा, ना ही जागरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
इसके साथ ही बिहार सरकार के गृह विभाग ने जिला प्रशासन को छठ पूजा समितियों, नागरिक इकाइयों, वार्ड पार्षदों, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ समन्वय बनाकर कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के निर्देशों का प्रचार-प्रसार करने को कहा है। दिशा-निर्देश के मुताबिक गंगा नदी समेत अन्य महत्वपूर्ण नदियों के किनारे घाटों पर छठ महापर्व के दौरान अत्यधिक भीड़ होती है।
जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक, छठ पूजा के आयोजकों- कार्यकर्ताओं और उससे संबंधित अन्य व्यक्तियों को समय समय पर साफ सैनेटाइज किया जाए। छठ पूजा घाट पर अक्सर स्पर्श की जाने वाले सतहों और बैरिकेडिंग को समय समय पर साफ किया जाए और सैनेटाइज किया जाए। छठ पूजा घाट पर यहां-वहां थूकना वर्जित होगा।
इससे पहले दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि कोविड-19 महामारी की चलते इस साल दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों, नदी तटों और मंदिर में छठ पूजा नहीं मनाई जाएगी। दिल्ली के मुख्य सचिव तथा डीडीएमए की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष विजय देव द्वारा जारी आदेश में सभी जिलाधिकारियों और पुलिस उपायुक्तों को आदेश को सख्ती से लागू करने और महामारी के दौरान लोगों को घर पर छठ ही मनाने के लिये प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया गया है। आदेश में जिलाधिकारियों और पुलिस उपायुक्तों को इस साल पर्व से पहले धार्मिक और सामुदायिक नेताओं तथा छठ पूजा समितियों के साथ बैठक कर कानून-व्यवस्था और सौहार्द बनाए रखने में उनका सहयोग लेने का भी निर्देश दिया।