चेन्नई में बूंद-बूंद पानी को तरसे लोग, टैंकर देख बर्तन लेकर दौड़े, टोकन से दिया जा रहा जल

By सतीश कुमार सिंह | Published: June 22, 2019 04:04 PM2019-06-22T16:04:19+5:302019-06-22T16:20:15+5:30

गली-मुहल्लों में पानी-टैंकरों के आने पर पानी भरने के लिए बर्तनों को लेकर दौड़ते लोग, कतार में अपनी बारी का इंतजार करती महिलाएं और घरों में सूखे पड़े नल, यह नजारा है देश के सबसे बड़े महानगरों में शामिल चेन्नई का, जो वर्तमान में भयावह जल संकट से जूझ रहा है।

Chennai Water Crisis: Millions Hit as City’s Reservoirs And Groundwater Resources Run Dry | चेन्नई में बूंद-बूंद पानी को तरसे लोग, टैंकर देख बर्तन लेकर दौड़े, टोकन से दिया जा रहा जल

लोगों को टैंकर के पास लाइन लगाने के बजाए टोकन दिया जा रहा है। टोकन नंबर आने के बाद पानी दिया जा रहा।

Highlightsराष्ट्रीय जल अकादमी के पूर्व निदेशक मनोहर खुशलानी ने बताया कि चेन्नई में 2015 में बाढ़ आई थी। उसके बाद से यहां सूखा है।बोतलबंद पेयजल खरीदने के लिए पैसा खर्च करने के अलावा प्रति माह पानी के टैंकरों पर लगभग 2,500 रुपये खर्च कर रहे हैं। टैंकर से हर दो दिन में पानी सप्लाई की जा रही है। लोगों को थोड़ा पानी ही मिल पाता है। इसके लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ता है।

देश में लोग गर्मी से बेहाल है। बारिश न होने से कुएं, तालाब, पोखर और अन्य जलस्रोत सूख रहे हैं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई महानगर में हाल बेहाल है। देश भर में कड़ी गर्मी के बीच कई हिस्सों में जल संकट की स्थिति गंभीर हो चुकी है। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में उनमें शामिल हो चुका है। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बीते कई हफ्तों से पानी की कमी का सामना कर रहे चेन्नई में न केवल पानी भरने और इकठ्ठा करने के लिए हिंसक झड़पें देखी गई हैं, बल्कि शहर के होटल, मॉल और अन्य व्यावसायिक उपक्रम भी प्रभावित हो रहे हैं।

गली-मुहल्लों में पानी-टैंकरों के आने पर पानी भरने के लिए बर्तनों को लेकर दौड़ते लोग, कतार में अपनी बारी का इंतजार करती महिलाएं और घरों में सूखे पड़े नल, यह नजारा है देश के सबसे बड़े महानगरों में शामिल चेन्नई का, जो वर्तमान में भयावह जल संकट से जूझ रहा है।

शहर के कई बाशिंदों के लिए रोजाना स्नान करना दुर्लभ हो गया है। कपड़े और बर्तन धोने के लिए पर्याप्त पानी मिलना एक सपना बन गया है। मध्य चेन्नई के एक निवासी कुमार बी दास ने कहा कि वह बोतलबंद पेयजल खरीदने के लिए पैसा खर्च करने के अलावा प्रति माह पानी के टैंकरों पर लगभग 2,500 रुपये खर्च कर रहे हैं।


आईटी पेशवर ने कहा, ‘‘मैंने बर्तनों को इस्तेमाल के बाद कपड़े या टिश्यू पेपर से पोंछकर दोबारा इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इससे पानी की बहुत बचत होती है। बॉडी स्प्रे से काम चलाता हूं।’’ एक आवासीय एसोसिएशन के सदस्य रवींद्रनाथ ने कहा कि उन्हें जल आपूर्ति के लिए निजी टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ता है क्योंकि सरकारी टैंकरों को दो से तीन हफ्ते लग जाते हैं।

उन्होंने दावा किया कि निजी आपूर्तिकर्ताओं ने दरों में बढ़ोतरी की है और प्रति ट्रक पानी के लिए 3,000 से 5,000 रुपये की मांग कर रहे हैं। 2017 के उत्तर-पूर्व मानसून के दौरान कम बारिश होने और 2018 में भी मानसून की भारी कमी के कारण भूजल में कमी आई है और कई प्रमुख जल निकाय सूखने के करीब है।

इसके चलते लोगों को अब जल-टैंकर के संचालकों पर निर्भर होना पड़ रहा है, जिसके सहारे वे अपना दैनिक काम चला रहे हैं। इस संकट के बीच, प्रदेश के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी, उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम, कई मंत्रियों और अधिकारियों ने बुधवार को जल आपूर्ति की समीक्षा करने के लिए एक बैठक की है।

जोलारपेट से ट्रेन के जरिए चेन्नई में भेजा जाएगा पानी: मुख्यमंत्री

पानी की गंभीर समस्या का सामना कर रहे चेन्नई को कुछ राहत मिलने जा रहा है क्योंकि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने शुक्रवार को बताया कि एक करोड़ लीटर पानी वेल्लोर के जोलारपेट से ट्रेन के जरिए यहां भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह पहल छह महीने तक की जाएगी और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए 65 करोड़ रुपये की राशि अलग से रखी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चेन्नई मेट्रोपोलिटन वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड ने जल वितरण के लिए 158.42 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।


उन्होंने कहा कि तमिलनाडु जल आपूर्ति एवं जलनिकासी बोर्ड सहित कई एजेंसियों को 108.32 करोड़ रुपये दिए गए हैं ताकि वह राज्य के अन्य हिस्सों में जल की आपूर्ति कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ जहां तक चेन्नई का सवाल है तो सरकार जितनी जल्द पानी मुहैया करा सकती है, करा रही है।’’ उन्होंने बताया है कि जल भंडारण को बढ़ाने के लिए जल इकाईयों की मरम्मत और उन्हें मजबूत करने का कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। 

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। यहां पाइप लाइन से आने वाले पानी की आपूर्ति में 40% की कटौती की गई है। सरकारी टैंकरों के द्वारा पानी की सप्लाई हो रही है। रोयापेट्टा क्षेत्र में टैंकर से पानी की आपूर्ति करने के लिए टोकन बांटे जा रहे हैं। उधर, मद्रास हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पानी की समस्या के बारे में जवाब मांगा है।

चेन्नई मेट्रो वॉटर एजेंसी पाइप के जरिए दिन में सिर्फ 52 करोड़ लीटर की आपूर्ति करती है, जबकि शहर को हर दिन 80 करोड़ लीटर पानी की आवश्यकता होती है। राजधानी के चार जलाशय सूख गए हैं।

टैंकर से हर दो दिन में पानी सप्लाई की जा रही है। लोगों को थोड़ा पानी ही मिल पाता है। इसके लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में नगर निगम ने टोकन सिस्टम चालू कर दिया। लोगों को टैंकर के पास लाइन लगाने के बजाए टोकन दिया जा रहा है। टोकन नंबर आने के बाद पानी दिया जा रहा। पानी के लिए लगी लंबी-लंबी लाइनों के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

'2015 के बाद से चेन्नई में सूखा'

राष्ट्रीय जल अकादमी के पूर्व निदेशक मनोहर खुशलानी ने बताया कि चेन्नई में 2015 में बाढ़ आई थी। उसके बाद से यहां सूखा है। जलाशयों और नहरों में भी पानी सूख गया है। अब पानी संग्रहण करने की काफी जरूरत है। सरकार को शहर में बढ़ रहे अतिक्रमण को भी रोकना चाहिए।

कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी सचिव को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया

मद्रास हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि शहर में भू-जल का व्यवसायिक तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। सरकार को इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से समस्या को जल्द सुलझाने के लिए कहा। कोर्ट ने पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट (पीडब्ल्यूडी) सचिव को आदेश दिया है कि वे राज्यस्तर पर एक रिपोर्ट तैयार कर पेश करें। रिपोर्ट में बताएं कि राज्य में कितने जलाशय हैं, समस्या के खिलाफ क्या-क्या कदम उठाए, कितनी राशि मंजूर की गई और अभी कितना काम हुआ।

English summary :
People in the chennai are facing major water crisis due to lack of rainfall, wells, ponds and other water sources are drying up. Delhi, Mumbai, Bangalore and Chennai are in the midst of the metropolis. The situation of water crisis in many parts of the country has become serious issue.


Web Title: Chennai Water Crisis: Millions Hit as City’s Reservoirs And Groundwater Resources Run Dry

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे