नकली रेमडेसिविर बेचने वालों के खिलाफ गैर इरातदन हत्या का आरोप बढ़ाया गया
By भाषा | Updated: May 10, 2021 20:40 IST2021-05-10T20:40:24+5:302021-05-10T20:40:24+5:30

नकली रेमडेसिविर बेचने वालों के खिलाफ गैर इरातदन हत्या का आरोप बढ़ाया गया
इंदौर (मध्य प्रदेश), 10 मई नमक और ग्लूकोज से बने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचकर यहां मरीजों की जान से खिलवाड़ करने के मामले में गिरफ्तार चार लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में गैर इरातदन हत्या का आरोप बढ़ा दिया गया है। ये इंजेक्शन पड़ोसी गुजरात से चलाए जा रहे अंतरप्रांतीय गिरोह ने बनाए थे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी ।
इंदौर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) हरिनारायणाचारी मिश्रा ने सोमवार को "पीटीआई-भाषा" को बताया, "नमक और ग्लूकोज से बने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के मामले में गिरफ्तार चार लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड विधान की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) जोड़ी गई है और इनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) पहले ही लगाया जा चुका है।"
नकली इंजेक्शन लगाए जाने के बाद इंदौर में कुछ मरीजों की मौत की खबरों के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा, "हमें इस बारे में कुछ शुरुआती सुराग मिले हैं और इनके आधार पर विस्तृत जांच की जा रही है।"
आईजी ने यह भी बताया कि मरीजों को नमक और ग्लूकोज से बने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के मामले में गिरफ्तार चार लोगों की अवैध इमारतों की पहचान की जा रही है। उन्होंने कहा, "हम इन अवैध निर्माणों को ध्वस्त करेंगे।"
विजय नगर पुलिस थाने के प्रभारी तहजीब काजी ने रविवार को "पीटीआई-भाषा" को बताया था कि गुजरात के गिरोह ने पिछले एक महीने में इंदौर निवासी सुनील मिश्रा के जरिये मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कम से कम 1,200 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों की आपूर्ति की है और इनमें इंदौर, देवास और जबलपुर जिले शामिल हैं।
काजी ने बताया, "हम गुजरात में बने सात नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन इंदौर में बरामद कर चुके हैं। इन सबके पैकेट पर एक ही बैच नंबर दर्ज था।"
गौरतलब है कि गुजरात पुलिस ने पिछले दिनों सूरत में नमक और ग्लूकोज के पानी से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया था। इस गिरोह के तार मध्यप्रदेश से भी जुड़े पाए गए हैं।
इस बीच प्रदेश के जबलपुर शहर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के लिए के एक निजी अस्पताल के संचालक सहित चार लोगों के खिलाफ सोमवार को मामला दर्ज किया गया ।
इन चार में एक आरोपी को यहां गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दूसरा आरोपी नकली रेमडेसिविर बेचने के जुड़े अन्य मामले में गुजरात पुलिस की हिरासत में है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने बताया कि सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा एवं तीन अन्य लोगों के खिलाफ नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है। ये चारों जबलपुर में इन नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों को बेचते थे।
उन्होंने कहा कि सिटी अस्पताल के कर्मचारी देवेश चौरसिया को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मेडिसिन सप्लायर सपन जैन एवं एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ ओमती पुलिस थाने में मामला दर्ज है। सपन जैन को गुजरात पुलिस ने सात मई को गिरफ्तार किया है।
काशवानी ने बताया कि चौरसिया ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि जबलपुर में बेचे गये इन नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों को वे इंदौर से लेकर आया करते थे।
उन्होंने कहा कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के इस रैकेट का खुलासा पिछले सप्ताह जबलपुर में हुआ था।
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