15वें वित्त आयोग के विचारणीय विषयों में बदलाव का राज्य सभा में विरोध

By भाषा | Updated: August 6, 2019 13:41 IST2019-08-06T13:41:20+5:302019-08-06T13:41:20+5:30

पन्द्रहवें वित्त आयोग को 27 नवंबर 2017 को अधिसूचित किया गया था और उसे एक अप्रैल 2020 से शुरू होने वाले पांच साल के लिए राज्यों को कोष के बंटवारे के फार्मूले के बारे में सुझाव देने को कहा गया था।

change the terms of reference of 15th finance commission oppos in rajya sabha | 15वें वित्त आयोग के विचारणीय विषयों में बदलाव का राज्य सभा में विरोध

प्रतीकात्मक फोटो

केंद्र तथा राज्यों के करों से प्राप्त धन के विभाजन को लेकर 15वें वित्त आयोग के विचारणीय विषयों में हुए बदलाव का विरोध करते हुए राज्यसभा में बीजू जनता दल के एक सदस्य ने दावा किया कि यह केंद्र की, अधिक वित्तीय हिस्सेदारी रखने की एक कोशिश है।

उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान बीजद के अमर पटनायक ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार ने पिछले माह ही 15वें वित्त आयोग के ‘विचारणीय विषय’’ में संशोधन किया है। यह संशोधन केंद्र और राज्यों के बीच धन के बंटवारे से पहले, रक्षा एवं आंतरिक सुरक्षा के कोष से अलग से आवंटन किए जाने के बारे में है।

पटनायक ने कहा कि यह केंद्र की, अधिक वित्तीय हिस्सेदारी रखने की एक कोशिश है। इस कदम से केंद्र और राज्यों के बीच बंटवारे के लिए उपलब्ध कोष प्रभावित होगा। उन्होंने कहा ‘‘इससे राज्यों का हिस्सा कम हो जाएगा। जबकि केंद्र को चाहिए कि वह विभाजन वाले पूल से हट कर भी राज्यों को और अधिक आवंटन करे।’’

केंद्र सरकार के इस कदम को संघवाद के लिए खतरनाक बताते हुए पटनायक ने मांग की कि इसे तत्काल वापस लिया जाए। गौरतलब है कि पिछले माह केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल 30 नवंबर तक बढ़ा दिया और उसे रक्षा एवं आंतरिक सुरक्षा के लिए उपयोग के लिए बिना कोई निश्चित समयावधि वाली (नॉन लेप्सेबल फंड) निधि के आवंटन के तरीके सुझाने को कहा।

पन्द्रहवें वित्त आयोग को 27 नवंबर 2017 को अधिसूचित किया गया था और उसे एक अप्रैल 2020 से शुरू होने वाले पांच साल के लिए राज्यों को कोष के बंटवारे के फार्मूले के बारे में सुझाव देने को कहा गया था। विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनके इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।

Web Title: change the terms of reference of 15th finance commission oppos in rajya sabha

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