Chandrayaan2: विशेषज्ञों का दावा, लैंडर की लोकेशन से साबित होता है कि ऑर्बिटर सही से काम कर रहा

By भाषा | Updated: September 8, 2019 22:18 IST2019-09-08T22:18:22+5:302019-09-08T22:18:22+5:30

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने रविवार को कहा कि चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का अभियान अपनी तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन और देश के समर्थन ने अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ाया।

Chandrayaan2: Experts claim that the location of the lander proves that the orbiter is working properly | Chandrayaan2: विशेषज्ञों का दावा, लैंडर की लोकेशन से साबित होता है कि ऑर्बिटर सही से काम कर रहा

Chandrayaan2: विशेषज्ञों का दावा, लैंडर की लोकेशन से साबित होता है कि ऑर्बिटर सही से काम कर रहा

इसरो द्वारा रविवार को चंद्रयान-2 के विक्रम मॉड्यूल की स्थिति की जानकारी देना ‘‘नि:संदेह साबित करता है” कि ऑर्बिटर सही से काम कर रहा है। अंतरिक्ष विशेषज्ञ अजय लेले ने यह जानकारी दी। रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान के वरिष्ठ शोधार्थी लेले ने यह भी कहा कि यह महज वक्त की बात थी कि ऑर्बिटर विक्रम को कब तक खोज पाता है लेकिन अब सवाल यह है कि लैंडर किस स्थिति में है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के सिवन ने रविवार को कहा कि चंद्रयान-2 ऑर्बिटर में लगे कैमरों ने लैंडर की मौजूदगी का पता लगाया। इससे एक दिन पहले ही यह महत्त्वकांक्षी चंद्रमा मिशन योजना के मुताबिक चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ नहीं कर पाया था। सिवन ने कहा कि लैंडर ने संभवत: ‘हार्ड लैंडिंग’ की और उसके साथ संपर्क स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

लेले ने कहा, “लैंडर मॉड्यूल की स्थिति बिना किसी संदेह के साबित करती है कि ऑर्बिटर बिल्कुल सही तरीके से काम कर रहा है। ऑर्बिटर मिशन का मुख्य हिस्सा था क्योंकि इसे एक साल से ज्यादा वक्त तक काम करना है।” उन्होंने कहा कि ऑर्बिटर के सही ढंग से काम करने से मिशन के 90 से 95 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिए जाएंगे।

लेले ने कहा कि ऑर्बिटर के काम करने की नियोजित अवधि एक साल से अधिक की है इसलिए वह डेटा भेजता रहेगा जबिक रोवर केवल एक चंद्रमा दिवस के लिए प्रयोग करने वाला था। एक चंद्रमा दिवस पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि छवियों एवं संबंधित डेटा के साथ लैंडर की स्थिति का पता लगाना आसान होगा।

इसरो के पूर्व वैज्ञानिक एस नांबी नारायणन ने कहा कि अगली चुनौती लैंडर के साथ संपर्क स्थापित करने की है। उन्होंने कहा कि फिर से संपर्क स्थापित करने की संभावना कम है क्योंकि हो सकता है कि लैंडर ने क्रैश लैंडिंग की हो। 

Web Title: Chandrayaan2: Experts claim that the location of the lander proves that the orbiter is working properly

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