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Chandrayaan 2: लैंडर 'विक्रम' में नहीं हुई कोई टूट-फूट, संपर्क साधने के लिए अभी भी है 12 दिन का वक्त

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 9, 2019 13:58 IST

इसरो ने चंद्रयान-2 से जुड़ी बड़ी खुशखबरी दी है। इसरो ने बताया कि लैंडर विक्रम में कोई टूट-फूट नहीं हुई है। वैज्ञानिक संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं।

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ठळक मुद्देसिवन ने कहा कि लैंडर ने संभवत: ‘हार्ड लैंडिंग’ की और उसके साथ संपर्क स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।ऑर्बिटर के काम करने की नियोजित अवधि एक साल से अधिक की है इसलिए वह डेटा भेजता रहेगा

चांद पर 'हार्ड लैंडिंग' के बावजूद लैंडर विक्रम में कोई टूट-फूट नहीं हुई है। इसलिए इसरो अभी भी निराश नहीं है और विक्रम से संपर्क साधने की कोशिशें जारी हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के सिवन ने रविवार को कहा था कि चंद्रयान-2 ऑर्बिटर में लगे कैमरों ने लैंडर की मौजूदगी का पता लगाया। इससे एक दिन पहले ही यह महत्त्वकांक्षी चंद्रमा मिशन योजना के मुताबिक चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ नहीं कर पाया था। सिवन ने कहा कि लैंडर ने संभवत: ‘हार्ड लैंडिंग’ की और उसके साथ संपर्क स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

ऑर्बिटर कर रहा है सही काम

इसरो द्वारा रविवार को चंद्रयान-2 के विक्रम मॉड्यूल की स्थिति की जानकारी देना ‘‘नि:संदेह साबित करता है” कि ऑर्बिटर सही से काम कर रहा है। अंतरिक्ष विशेषज्ञ अजय लेले ने यह जानकारी दी। रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान के वरिष्ठ शोधार्थी लेले ने यह भी कहा कि यह महज वक्त की बात थी कि ऑर्बिटर विक्रम को कब तक खोज पाता है लेकिन अब सवाल यह है कि लैंडर किस स्थिति में है।

संपर्क साधने के लिए 12 दिन का समय

ऑर्बिटर के काम करने की नियोजित अवधि एक साल से अधिक की है इसलिए वह डेटा भेजता रहेगा जबिक रोवर केवल एक चंद्रमा दिवस के लिए प्रयोग करने वाला था। एक चंद्रमा दिवस पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। विक्रम से संपर्क साधने के लिए इसरो के पास अब बस 12 दिन बचे हैं, वरना चंद्रयान-2 मिनश के पूरा होने की उम्मीदें खत्म हो सकती हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर

टॅग्स :चंद्रयानभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
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