चंद्रयान की लैंडिंग से पहले पीएम मोदी ने देशवासियों से की ये खास अपील
By भाषा | Published: September 6, 2019 11:41 PM2019-09-06T23:41:00+5:302019-09-06T23:41:00+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर के करीब 70 छात्र-छात्राओं के साथ बैठकर चंद्रयान की लैंडिंग देखेंगे। पीएम मोदी ट्वीट कर कहा है- मैं भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए बेहद उत्साहित हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार देर रात चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ के चांद पर उतरने के ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए येलहांका एयरबेस पहुंचे। प्रधानमंत्री एक विशेष विमान से यहां आए और उनका स्वागत करने के लिए राज्यपाल वैजुभाई वाला, मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, केंद्रीय मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा और प्रह्लाद जोशी और कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक और राज्य के भाजपा प्रमुख नलीन कुमार कटिल पहुंचे।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिन में ट्वीट किया था, ‘‘ मैं बेंगलुरु के इसरो केंद्र में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए बेहद उत्साहित हूं।’’ लैंडर ‘विक्रम’ शुक्रवार देर रात डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा। ‘विक्रम’ के अंदर रोवर ‘प्रज्ञान’ है जो शनिवार सुबह साढ़े पांच से साढ़े छह बजे के बीच बाहर निकलेगा।
PM @narendramodi landed in Bengaluru.
— PMO India (@PMOIndia) September 6, 2019
He was welcomed by Governor of Karnataka Shri Vajubhai Vala, CM @BSYBJP, Union Ministers @DVSadanandGowda, @JoshiPralhad, Ministers of the Karnataka Cabinet and officials. pic.twitter.com/2kEwDX4N26
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर के करीब 70 छात्र-छात्राओं के साथ बैठकर चंद्रयान की लैंडिंग देखेंगे। पीएम ने देशवासियों से भी अपील की है कि वे इस करिश्मे के साक्षी बनें और इस खास पल के फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करें।
I urge you all to watch the special moments of Chandrayaan - 2 descending on to the Lunar South Pole! Do share your photos on social media. I will re-tweet some of them too.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 6, 2019
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास के इस अभूतपूर्व क्षण का गवाह बनने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बेंगलूर स्थित इसरो के केंद्र में मौजूद रहेंगे । प्रधानमंत्री मोदी, ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता के जरिए इसरो द्वारा देशभर से चुने गए दर्जनों छात्र-छात्राएं, बड़ी संख्या में मीडिया कर्मी और अन्य लोग इसरो टेलीमेंट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के जरिए यहां इस ऐतिहासिक लम्हे का सीधा नजारा देखेंगे।