Chandrayaan 2: इसरो ने दी बड़ी खुशखबरी, मिल गई विक्रम लैंडर की लोकेशन, ऑर्बिटर ने भेजी तस्वीर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 8, 2019 01:57 PM2019-09-08T13:57:22+5:302019-09-08T13:57:22+5:30
चंद्रमा की सतह को छूने से चंद मिनट पहले लैंडर ‘विक्रम’ का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था। इसरो प्रमुख ने बताया कि हमें चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की लोकेशन मिल गई है और ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल इमेज क्लिक की है।
इसरो ने रविवार को चंद्रयान-2 मिशन से जुड़ी एक बड़ी खुशखबरी दी है। विक्रम लैंडर की लोकेशन मिल गई है और ऑर्बिटर ने लैंडर की थर्मल इमेज क्लिक की है। इसरो चीफ के सिवन ने बताया, 'हमें चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की लोकेशन मिल गई है और ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल इमेज क्लिक की है। लेकिन अभी तक कोई संपर्क नहीं हो पाया है। हम संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। जल्द ही इससे संपर्क कर लिया जाएगा।'
इसरो प्रमुख के. सिवन ने लैंडर ‘विक्रम’ के चंद्रमा की सतह पर उतरने पर कहा, यह ‘हार्ड लैंडिंग’ रही होगी। सिवन ने बताया कि हमें नहीं पता की ‘हार्ड लैंडिंग’ की वजह से ‘विक्रम’ मॉड्यूल को नुकसान पहुंचा या नहीं।
गौरतलब है कि चंद्रमा की सतह को छूने से चंद मिनट पहले लैंडर ‘विक्रम’ का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था। इसक बाद इसरो के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में सुरक्षित है। ऑर्बिटर ने रविवार को विक्रम लैंडर की लोकेशन बताई है।
Indian Space Research Organisation (ISRO) Chief, K Sivan to ANI:We've found the location of #VikramLander on lunar surface&orbiter has clicked a thermal image of Lander. But there is no communication yet. We are trying to have contact. It will be communicated soon. #Chandrayaan2pic.twitter.com/1MbIL0VQCo
— ANI (@ANI) September 8, 2019
चंद्रयान-2 ने धरती की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की तरफ अपनी यात्रा 14 अगस्त को इसरो द्वारा ‘ट्रांस लूनर इन्सर्शन’ नाम की प्रक्रिया को अंजाम दिये जाने के बाद शुरू की थी। यह प्रक्रिया अंतरिक्ष यान को ‘लूनर ट्रांसफर ट्रेजेक्ट्री’ में पहुंचाने के लिये अपनाई गई।
अंतरिक्ष यान 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया था। चंद्रयान-2 के ‘ऑर्बिटर’ में चंद्रमा की सतह का मानचित्रण करने और पृथ्वी के इकलौते उपग्रह के बाह्य परिमंडल का अध्ययन करने के लिए आठ वैज्ञानिक उपकरण हैं।
इसरो ने दो सितंबर को ऑर्बिटर से लैंडर को अलग करने में सफलता पाई थी, लेकिन शनिवार तड़के विक्रम का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था। इसरो ने कहा है कि वह आंकड़ों का विश्लेषण कर रहा है।