Chandan Gupta Murder Case: लगभग 7 साल बाद न्याय, 28 दोषियों को उम्रकैद?, 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या!

By सतीश कुमार सिंह | Updated: January 3, 2025 18:37 IST2025-01-03T15:19:19+5:302025-01-03T18:37:55+5:30

Chandan Gupta Murder Case: 26 जनवरी 2018 को कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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Chandan Gupta Murder Case

Highlightsचंदन गुप्ता हत्याकांड को लेकर लखनऊ में एनआईए कोर्ट ने सजा का ऐलान किया। योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर देश भर में सवाल खड़ा हुआ था। एनआईए कोर्ट ने इस हत्याकांड मामले में 30 में से 28 आरोपियों को दोषी करार दिया था।

Chandan Gupta Murder Case: आखिरकार लगभग 7 साल चंदन गुप्ता को न्याय मिल गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने बहुचर्चित चंदन गुप्ता हत्याकांड में 28 लोगों को सोमवार को दोषी करार दिया था। आज सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। चंदन की 26 जनवरी, 2018 को मोटरसाइकिल पर तिरंगा यात्रा के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अदालत ने दो आरोपियों नसीरुद्दीन और असीम कुरैशी को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। सांप्रदायिक हिंसा की प्रकृति की वजह से मामला काफी सुर्खियों में रहा जिसमें चंदन की मृत्यु से उस क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी।

 

राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने शुक्रवार को कासगंज के बहुचर्चित चंदन गुप्ता हत्याकांड में 28 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। एनआईए अदालत के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने शुक्रवार को चंदन गुप्ता हत्याकांड में 28 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 80-80 हजार रुपये जुर्माना लगाया।

अदालत ने बृहस्पतिवार को 28 आरोपियों को दोषी करार दिया था। चंदन की 26 जनवरी, 2018 को मोटरसाइकिल पर तिरंगा यात्रा के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सरकारी वकीलों के मुताबिक, 26 जनवरी, 2018 की सुबह चंदन गुप्ता अपने भाई विवेक गुप्ता और अन्य साथियों के साथ गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा में जा रहा था।

जैसे ही जुलूस तहसील रोड पर जीजीआईसी के फाटक के पास पहुंचा, सलीम, वसीम, नसीम और अन्य लोगों के एक समूह ने रास्ते पर जुलूस रोक दिया। जब चंदन गुप्ता ने इसको लेकर आपत्ति की, तो स्थिति बिगड़ गई और इन आरोपियों ने जुलूस में शामिल लोगों पर पथराव करने के साथ गोली चलानी शुरू कर दी।

मुख्य आरोपियों में से एक सलीम ने चंदन गुप्ता पर गोली चला दी जिससे चंदन घायल हो गया। चंदन का भाई और अन्य साथी उसे कासगंज थाना ले गए जहां से उसे तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई।

  

योगी सरकार के शासनकाल में हुए कासगंज कांड हुए चंदन गुप्ता हत्याकांड को लेकर लखनऊ में एनआईए कोर्ट ने सजा का ऐलान किया। इस हत्या के बाद इलाके में हिंसा फैल गई थी। घटना को लेकर योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर देश भर में सवाल खड़ा हुआ था। कांड के 7 साल बाद गुरुवार को एनआईए कोर्ट ने इस हत्याकांड मामले में 30 में से 28 आरोपियों को दोषी करार दिया था।

दो को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। मामले को लेकर चंदन के पिता सुशील गुप्ता ने लंबी कानूनी लड़ाई थी। कोर्ट का फैसला आने के बाद उन्होंने अब राहत की सांस ली है। अदालत के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने घोषणा की कि दोषी व्यक्तियों को सजा सुनाई।

इस तरह हुआ था यात्रा में विवाद

सुशील गुप्ता का कहना है कि बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए उनका संघर्ष अब रंग लाया है। सुशील गुप्ता के अनुसार, चंदन बीकॉम का छात्र था। वह एक सामाजिक संस्था भी चलाता था। पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, 26 जनवरी 2018 की सुबह अखिल विश्व हिंदू परिषद, भारतीय विद्यार्थी परिषद और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने तिरंगा यात्रा निकाली थी।

हालांकि तिरंगा यात्रा निकालने की इजाजत प्रशासन की ओर से नहीं दी गई। इसके बाद भी यात्रा के आयोजन नहीं माने और 100 मोटर साइकिलों पर तिरंगा और भगवा झंडा लेकर लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली थी. चंदन गुप्ता भी इस तिरंगा यात्रा में शामिल था. यह यात्रा जब बड्‌डूनगर में पहुंची तभी वहां कुछ मुस्लिम युवकों से झड़प हो गई।

इसके बाद तिरंगा यात्रा पर में पथराव हुआ और इसी बीच किसी ने चंदन को गोली मार दी। इस मामले में पुलिस ने तीन भाइयों सलीम, वसीम और वकार को मुख्य आरोपी बनाया था। इसके अलावा 30 से अधिक लोग नामजद किए गए। आरोपियों को हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा करने और राष्ट्रीय झंडे के अपमान का दोषी करार दिया गया है।

इन 28 दोषियों में से 26 लोग अदालत में मौजूद थे, जबकि एक अभियुक्त मुनाजिर की पेशी ‘वीडियो कान्फ्रेंसिंग’ के जरिए जेल से हुई। अदालत ने एक अन्य आरोपी सलीम के लिए गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जो मुकदमे में सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहा। अदालत के निर्णय के बाद इन आरोपियों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया था।

भादंसं की इन धाराओं के अलावा, सलीम, वसीम, नसीम, मोहसिन, राहत, बबलू और सलमान को शस्त्र अधिनियम के तहत भी दोषी करार दिया गया है क्योंकि घटना के दौरान ये लोग हथियार लेकर गए थे। शासकीय अधिवक्ताओं --एमके सिंह और एल के दीक्षित की अगुवाई में अभियोजन पक्ष ने 18 गवाह पेश किए, जबकि बचाव पक्ष ने 23 गवाह पेश किए।

कासगंज में शुरुआती सुनवाई के बाद इस मामले को लखनऊ स्थानांतरित कर दिया गया था। सरकारी वकीलों के मुताबिक, 26 जनवरी, 2018 की सुबह चंदन गुप्ता अपने भाई विवेक गुप्ता और अन्य साथियों के साथ गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा में जा रहा था। जैसे ही जुलूस तहसील रोड पर जीजीआईसी के गेट के पास पहुंचा, सलीम, वसीम, नसीम और अन्य लोगों के एक समूह ने रास्ता रोक लिया।

जुलूस रोक दिया। जब चंदन गुप्ता ने इसको लेकर आपत्ति की, स्थिति बिगड़ गई और इन आरोपियों ने जुलूस में शामिल लोगों पर पथराव कर दिया और फायरिंग कर दी। मुख्य आरोपियों में से एक सलीम ने चंदन गुप्ता पर गोली चला दी जिससे चंदन घायल हो गया। चंदन का भाई और अन्य साथी उसे कासगंज थाना ले गए जहां से उसे तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई।

Web Title: Chandan Gupta Murder Case live updates Life imprisonment 28 convicts Chandan Gupta shot dead during Tiranga Yatra on January 26, 2018 NIA court convicts Kasganj

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