चमोलीः नीती-माणा घाटियों में जनजातीय महिलाओं की आर्थिकी का जरिया बना भोजपत्र, जानें क्या है और पीएम मोदी से क्या है संबंध
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 7, 2023 07:19 PM2023-07-07T19:19:43+5:302023-07-07T19:20:40+5:30
चमोली के अपर जिला सूचना अधिकारी रविन्द्र नेगी ने बताया कि पिछले साल बदरीनाथ से सटे सीमांत माणा गांव के भ्रमण के दौरान प्रधानमंत्री ने भोजपत्र पर उकेरी गई कलाकृति की प्रशंसा की थी।
गोपेश्वरः उत्तराखंड के चमोली जिले की नीती-माणा घाटियों में आर्थिकी का नया जरिया बनकर उभर रहे भोजपत्र पर भगवान बदरीनाथ की आरती तथा एक पत्र लिखकर जनजातीय महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
चमोली के अपर जिला सूचना अधिकारी रविन्द्र नेगी ने बताया कि पिछले साल बदरीनाथ से सटे सीमांत माणा गांव के भ्रमण के दौरान प्रधानमंत्री ने भोजपत्र पर उकेरी गई कलाकृति की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद इन क्षेत्रों में यह कार्य बढ़ा जिससे उत्साहित माणा गांव की महिलाओं ने प्रधानमंत्री को यह भेंट भेजी है ।
उन्होंने बताया कि पिछले साल 21 अक्टूबर को माणा में आयोजित सरस मेले में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी जनजातीय महिलाओं ने प्रधानमंत्री को भोजपत्र पर तैयार एक कलाकृति भेंट की थी। इस कलाकृति को देखकर प्रधानमंत्री ने महिलाओं के प्रयास की प्रशंसा करते हुए चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी तीर्थयात्रियों से स्थानीय उत्पादों की खरीद पर अपने यात्रा व्यय का पांच प्रतिशत अंश खर्च करने का आह्वान किया। मोदी ने माणा से जाने के बाद 22 अक्टूबर को एक ट्वीट किया कि भोजपत्र पर उकेरी गई आदिवासी भाई-बहनों की भावनाएं अभिभूत करने वाली हैं।
जिला प्रशासन द्वारा भोजपत्र से निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कारगर प्रयास किए गए, जिसमें स्वयंसेवी संगठनों से जुड़ी महिलाओं को भोजपत्र स्मृति चिह्न बनाने के लिये सुलेख प्रशिक्षण कार्यक्रम आदि शामिल है। नेगी ने बताया कि इन महिलाओं द्वारा निर्मित स्मृति चिह्नों को तीर्थयात्रियों द्वारा अच्छे दामों पर खरीदा जा रहा है जिससे महिलाओं की आय में वृद्धि हुई है । माणा गांव में इस कार्य में लगी महिलाओं ने बताया कि भोजपत्र की कलाकृतियों के विक्रय से उनके परिवार के भरण-पोषण में मदद मिल रही है।