बिहार व बंगाल में भी किसानों-राजनीतिक दलों ने किया चक्का जाम, सबसे अधिक पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में दिखा असर

By अनुराग आनंद | Published: February 7, 2021 07:33 AM2021-02-07T07:33:01+5:302021-02-07T07:36:54+5:30

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किए गए तीन घंटे के ‘चक्का जाम’ के आह्वान का राजस्थान, हरियाणा व पंजाब में सबसे अधिक असर देखने को मिला है। वहीं, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में किसान नेताओं ने चक्का जाम करने की बात नहीं कही थी। लेकिन, इसके अलावा बिहार, बंगाल व तमिलनाडू में भी चक्का जाम के समर्थन में किसानों ने कहीं सड़क जाम किए तो कहीं अधिकारियों को ज्ञापन दिए।

chakka jam: Bihar and Bengal also farmers and political parties have blocked traffic, the most impact in Punjab, Haryana, Rajasthan. | बिहार व बंगाल में भी किसानों-राजनीतिक दलों ने किया चक्का जाम, सबसे अधिक पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में दिखा असर

चक्का जाम के दौरान दिल्ली अमृतसर रोड जाम करते प्रदर्शनकारी (फाइल फोटो)

Highlightsबिहार में किसान संगठनों ने राजद सहित विपक्षी दलों के समर्थन से अपराह्न 2 बजे से 3 बजे तक एक घंटे के लिए चक्का जाम किया।बिहार में वाम दलों सहित विपक्षी दलों ने 30 जनवरी को इस मुद्दे पर किसानों के साथ एकजुटता जताने के लिए राज्य भर में मानव श्रृंखला बनाई थी।

पटना: केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान संगठनों के तीन घंटे के ‘चक्का जाम’ के आह्वान पर शनिवार को बिहार में किसान संगठनों ने राजद सहित विपक्षी दलों के समर्थन से अपराह्न 2 बजे से 3 बजे तक एक घंटे के लिए चक्का जाम किया।

बिहार के विपक्षी दलों राजद, कांग्रेस सहित वामपंथी दलों ने कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसान संगठनों के चक्का जाम करने के फैसले को अपना समर्थन दिया था। बिहार राज्य किसान सभा के बैनर तले विभिन्न किसान संगठनों और विपक्षी दलों ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे अपने चक्का जाम के दौरान इंटरमीडियट परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिए किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे।

इसी कारण से उन्होंने अपना चक्का जाम एक घंटे के लिए ही करने का निर्णय किया था। बिहार में वाम दलों सहित विपक्षी दलों ने 30 जनवरी को इस मुद्दे पर किसानों के साथ एकजुटता जताने के लिए राज्य भर में मानव श्रृंखला बनाई थी। दिल्ली के सिंघू बार्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए शनिवार को दोपहर 12 बजे से अपराह्न 3 बजे तक तीन घंटे के देशव्यापी चक्का जाम की घोषणा की थी।

बिहार की राजधानी पटना और गया सहित कई अन्य शहरों में सामान्य यातायात देखा गया जबकि कुछ जिलों से सड़क पर चक्का जाम किए जाने से सामान्य जीवन में बाधा उत्पन्न होने की सूचना है। बिहार के मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, भागलपुर, बांकाआदि जिलों में संक्षिप्त अवधि के लिए सड़क जाम किया गया तो कहीं अधिकारियों को ज्ञापन दिया गया। 

किसानों के ‘चक्का जाम’ के आह्वान का पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में दिखा ज्यादा असर

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसान संगठनों के तीन घंटे के ‘चक्का जाम’ के आह्वान पर शनिवार को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कई प्रमुख सड़कों को प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘ट्रैक्टर-ट्रालियों’ से अवरूद्ध कर दिया। वहीं, अन्य राज्यों में भी छिटपुट प्रदर्शन हुए।

किसान नेता राकेश टिकैत ने ऐलान किया है कि दिल्ली की सीमाओं पर उनका (किसानों का) प्रदर्शन ‘‘दो अक्टूबर तक’’ जारी रहेगा और प्रदर्शनकारी किसान तभी घर लौटेंगे, जब केंद्र सरकार इन विवादास्पद कानूनों को रद्द कर देगी और ‘‘न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला एक नया कानून’’ बनाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘इस पर कोई समझौता नहीं होगा।’’ साथ ही, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह आंदोलन पूरे देश के लिए है, ना कि एक राज्य के लिए है। शनिवार के प्रदर्शनों के दौरान देश के किसी भी हिस्से से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

बंगाल में किसानों के सड़क बाधित करने के चलते दो मंत्रियों का काफिला फंसा

नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसानों के यातायात बाधित करने के चलते पुरबा बर्धमान जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-दो पर पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों का काफिला फंस गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। माकपा संबद्ध ऑल इंडिया किसान सभा के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसानों ने मंत्रियों के वाहन के सामने भी रोष जताया।

पुलिस ने कहा कि यह घटना नवाभात मोड़ पर उस समय हुई जब राज्य के अग्नि एवं आपातकालीन सेवा मंत्री सुजीत बोस और पशुपालन मंत्री स्वप्न देवनाथ जिले में एक नए दमकल केंद्र का उद्घाटन करने जा रहे थे।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस बोस के काफिले को निकालने में तो सफल रही जबकि किसानों ने देवनाथ के वाहन को 15 मिनट तक रोके रखा। घटना की निंदा करते हुए देवनाथ ने कहा, ‘‘ हम स्वयं भी नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। हमने भी विरोध जताया है लेकिन आज जो हुआ, उसकी उम्मीद किसानों से नहीं थी।’’

(एजेंसी इनपुट)

Web Title: chakka jam: Bihar and Bengal also farmers and political parties have blocked traffic, the most impact in Punjab, Haryana, Rajasthan.

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे