सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिनों में मांगी राफेल सौदे की पूरी जानकारी, केंद्र सरकार फिर भी नहीं बताएगी कीमत!

By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Published: November 1, 2018 11:56 AM2018-11-01T11:56:33+5:302018-11-01T12:09:34+5:30

विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर राफेल विमान सौदे को लेकर घेर रहा है। विपक्ष का कहना है कि यूपीए सरकार के 126 विमान सौदे को रद्द करके 36 विमान क्यों खरीदे गए और वो भी इतनी ज्यादा कीमतों पर।

Centre Government Won't give Rafale Jet price detail to Supreme Court, things to know | सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिनों में मांगी राफेल सौदे की पूरी जानकारी, केंद्र सरकार फिर भी नहीं बताएगी कीमत!

सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिनों में मांगी राफेल सौदे की पूरी जानकारी, केंद्र सरकार फिर भी नहीं बताएगी कीमत!

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को राफेल विमान सौदे की सभी जानकारी सीलबंध लिफाफे में 10 दिनों कोर्ट के सामने पेश करने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद केंद्र सरकार कीमत नहीं बताएगी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करने पर विचार कर रही है जिसमें सेक्रेसी का हवाला देकर राफेल विमान की कीमतें बताने में असमर्थता जाहिर कर सकती है। 

राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अरुण शौरी और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से दस दिनों के भीतर सील बंद लिफाफे में राफेल विमान की कीमत और उसके डिटेल जमा करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को लगता है कि कोई जानकारी गोपनीय है तो वह उसे याचिकाकर्ता को देने से मना कर सकती है।

TOI के सूत्रों के मुताबिक सरकार का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा है कि संसद को भी पूरी तरह हथियारों से लैश राफेल विमान की कीमतों के बारे में नहीं बताया गया। वेणुगोपाल उस तर्क का जवाब दे रहे थे जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा कि जब संसद के सामने कीमत बताई जा सकती है तो सुप्रीम कोर्ट में क्यों नहीं?

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि राफेल से जुड़े कुछ दस्तावेज ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के तहत आते हैं। जिन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। इस पर सीजेआई ने कहा कि आप कोर्ट में हलफनामा दायर करो कि आप क्यों दस्तावेज नहीं दे सकते?

सूत्रों के मुताबिक सरकार ने संसद में जो कीमतें बताई हैं वो बेसिक राफेल विमान की हैं, ना कि पूरी तरह हथियारों से लैश लड़ाकू विमान की, जो डसॉ एविएशन बना रही है। जिसका भारत और फ्रांस की सरकार के बीच करार हुआ है।

विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर राफेल विमान सौदे को लेकर हमला बोल रहा है। विपक्ष का कहना है कि यूपीए सरकार के 126 विमान सौदे को रद्द करके मोदी सरकार ने सिर्फ 36 विमान क्यों खरीदे और वो भी इतनी ज्यादा कीमतों पर।

English summary :
Rafale Deal: The Supreme Court has directed the central government to present all the information on Rafale deal within 10 days before the court in sealed envelope. Despite this, the central government will not give the information on the price of Rafale aircrafts. Central government is planning to file an affidavit in the Supreme Court, in which they can express the inability to tell the prices of the Rafale aircrafts.


Web Title: Centre Government Won't give Rafale Jet price detail to Supreme Court, things to know

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