जेल में बंद गरीब कैदियों की आर्थिक मदद करेगी केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय ने शुरू की योजना
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 7, 2023 05:37 PM2023-04-07T17:37:50+5:302023-04-07T17:39:20+5:30
केंद्र सरकार की नई योजना से ऐसे कैदी लाभान्वित होंगे जो वित्तीय बाधाओं के कारण जेलों में बंद हैं। यह योजना उन गरीब व्यक्तियों को आवश्यक वित्तीय सहायता के प्रावधान की परिकल्पना करती है जो जेलों में हैं और जुर्माना या जमानत राशि वहन करने में असमर्थ हैं।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार जल्द ही जेलों में बंद ऐसे गरीब लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक विशेष योजना शुरू करने जा रही है जो जुर्माना या जमानत राशि वहन करने में असमर्थ हैं। गृह मंत्रालय ने 'गरीब कैदियों के लिए सहायता' योजना शुरू करने का फैसला किया है।
गृह मंत्रालय ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, "यह योजना उन गरीब व्यक्तियों को आवश्यक वित्तीय सहायता के प्रावधान की परिकल्पना करती है जो जेलों में हैं और जुर्माना या जमानत राशि वहन करने में असमर्थ हैं।" जेल से बाहर निकलने के लिए निम्न आय स्तर वाले वंचित या हाशिए पर रहने वाले समूह के लिए ये योजना लाभकारी होगी।
योजना की व्यापक रूपरेखा को संबंधित हितधारकों के परामर्श से अंतिम रूप दिया गया है। इस योजना के तहत केंद्र उन गरीब कैदियों को राहत देने के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा, जो जुर्माना या अन्य वित्तीय बाधाओं के कारण जमानत का भुगतान करने में असमर्थ हैं या जेलों से रिहा होने में असमर्थ हैं।
गृह मंत्रालय की ओर से योजना की जानकारी देते हुए आगे बताया गया, "प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए, गरीब कैदियों तक लाभ सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित व्यवस्था अपनाई जाएगी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को मजबूत करना और गरीब कैदियों को सहायता उपलब्ध कराना इस योजना का उद्देश्य है।"
बता दें कि गृह मंत्रालय जेलों में सुरक्षा के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और आधुनिक बनाने के लिए राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहा है। मंत्रालय के बयान में कहा गया है, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय समय-समय पर जेलों में विचाराधीन कैदियों के मुद्दे को हल करने के लिए कई कदम उठा रहा है।" आगे कहा कि इसमें दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में धारा 436ए को शामिल करना, सीआरपीसी में एक नया अध्याय XXIA 'प्ली बार्गेनिंग' शामिल करना और विभिन्न स्तरों पर विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से गरीब कैदियों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान शामिल है।