Central Reserve Police Force 1939-2024: 85 वर्ष के इतिहास में पहली बार, 1700 खानसामों और 900 जलवाहक कर्मी कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल बने, आखिर कारण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 6, 2024 21:19 IST2024-06-06T21:17:45+5:302024-06-06T21:19:32+5:30
Central Reserve Police Force 1939-2024: 2016 में जब केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की थीं तब कुक और वाटर करियर का विशिष्ट काडर नाम दिया गया था।

सांकेतिक फोटो
Central Reserve Police Force 1939-2024: देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 85 वर्ष के इतिहास में पहली बार कुल 2,600 खानसामों और जल वाहकों को पदोन्नत किया गया है। सीआरपीएफ की स्थापना 1939 में हुई थी और इसके पास दो विशेष वर्ग के कुल 12,250 कर्मी हैं जो बल के लगभग 3.25 लाख पुरुष एवं महिला कर्मियों के लिए रसोई, कैंटीन और अन्य प्रशासनिक कार्यों के व्यापक नेटवर्क को संभालते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुधवार को एक आदेश के जरिए 1,700 खानसामों और 900 जलवाहक कर्मियों को उनके कांस्टेबल पद से पदोन्नत कर हेड कांस्टेबल नियुक्त किया गया है। सीआरपीएफ के 85 वर्ष के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है। इस पद के कर्मी तब से इस बल का हिस्सा हैं जब से इसकी स्थापना हुई है।
अधिकारी ने बताया कि 2016 में जब केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की थीं तब उन्हें कुक और वाटर करियर का विशिष्ट काडर नाम दिया गया था। केंद्रीय सशस्त्र बल पुलिस (सीएपीएफ) के एक अधिकारी ने कहा कि इन कर्मियों को पदानुक्रम में सबसे निचले पायदान पर भर्ती किया गया था।
इन्हें कभी पदोन्नत नहीं किया गया और औसतन लगभग 30-35 वर्षों की सेवा के बाद भी वे उसी पद से सेवानिवृत्त होते थे। सीएपीएफ के अधिकारी ने कहा कि खानसामें और जलवाहक कर्मी किसी भी बल के संचालन का एक अनिवार्य हिस्सा होते हैं। सीआरपीएफ के प्रत्येक बटालियन में करीब 45 ऐसे कर्मी हैं।
उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ ने इन कर्मियों को पदोन्नत करने के संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया था जिसे बाद में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने मंजूरी दी थी। उन्होंने बताया कि इस आदेश के तहत पदोन्नत किए गए 2,600 कर्मियों की भर्ती 1983 से 2004 के बीच की गई थी। अधिकारी ने बताया कि शेष कर्मियों को भी समय रहते पदोन्नत किया जाएगा।