अब रेलयात्रियों की शिकायतें होंगी दूर, AC कोच में नहीं काटेंगे खटमल, मिलेंगे साफ-सुथरे कंबल, टॉवेल, चादर

By आनंद शर्मा | Published: March 12, 2020 03:27 PM2020-03-12T15:27:55+5:302020-03-12T15:58:35+5:30

Nagpur Ki khabar: अजनी में 57 करोड़ रुपए की लागत से वर्ल्डक्लास मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री का काम मार्च अंत तक पूरा होने का दावा मध्य रेलवे, नागपुर मंडल प्रशासन कर रहा है.

Central railway may be announced AC coach clean blankets, towels, sheets for passengers nagpur news hindi | अब रेलयात्रियों की शिकायतें होंगी दूर, AC कोच में नहीं काटेंगे खटमल, मिलेंगे साफ-सुथरे कंबल, टॉवेल, चादर

अजनी में ‘बूट’ मॉडल पर मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री का काम अंतिम चरण में (फाइल फोटो)

Highlightsअजनी में निर्माणाधीन मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री मध्य भारत की पहली ग्रीन लॉन्ड्री होगी. मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री प्रोजेक्ट की घोषणा 2011-12 के रेल बजट में होने के बाद इसके साकार होने में लंबा वक्त लग गया.

नागपुर: ट्रेनों के एसी कोच में सफर करने वाले रेलयात्रियों की अक्सर यह शिकायत रहती है कि उन्हें दी जाने वाली चादर, टॉवेल, तकिये की खोल, कंबल मटमैले होते है. उनकी ढंग से धुलाई नहीं होती है. इससे उनमें खटमल होते हैं. जिनके काटने से सफर के दौरान रात भर नींद नहीं आ पाती है. 

रेलयात्रियों की यह शिकायतें अब जल्द ही समाप्त होने के संकेत मिल रहे हैं. अजनी में 57 करोड़ रुपए की लागत से वर्ल्डक्लास मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री का काम मार्च अंत तक पूरा होने का दावा मध्य रेलवे, नागपुर मंडल प्रशासन कर रहा है.

दो साल से चल रहा निर्माण कार्य

अजनी रेलवे परिसर स्थित स्टेडियम के पीछे लगभग 1500 वर्ग मीटर की जगह पर वर्ल्ड क्लास मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य 4 जनवरी 2018 से चल रहा है. इसमें से अब तक 95 फीसदी वर्क पूरा हो गया है. धुलाई से संबंधित 8 टन क्षमता की इम्पोर्टेड मशीनें भी प्रोजेक्ट स्थल पर पहुंचा दी गई हैं. इन मशीनों में 5 वॉशर, 2 प्रेस मशीन (कैलेंडरिंग), 2 फोल्डर मशीन, 2 ब्लेंकेट ड्राय क्लीनर, वॉटर सॉफ्टनर का समावेश है. 

इन मशीनों को स्टीम (भाप) मुहैया कराने के लिए भव्य आकार का बॉयलर भी यहां इन्स्टॉल कर दिया गया है. इनके अलावा इफ्लूएंट ट्रिटमेंट प्लांट भी लगाया गया है. बॉयलर का राज्य सरकार के संबंधित विभाग द्वारा इन्स्पेक्शन किया जा चुका है. शीघ्र ही इसे शुरू करने को लेकर प्रमाणपत्र जारी होगा. वहीं,  अन्य संबंधित विभागों जैसे पीयूसी आदि के भी प्रमाणपत्र मिल गए हैं. स्टीम की पाइप लाइन बिछाने का काम भी इन दिनों युद्ध स्तर पर निपटाया जा रहा है. इससे यह उम्मीद बंधी है कि आगामी मार्च अंत या अप्रैल के पहले सप्ताह तक वर्ल्ड क्लास मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री का निर्माण कार्य पूरा होकर यहां कपड़ों की धुलाई का काम शुरू हो जाएगा.

दस साल के लिए दिया गया है ठेका

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन प्रणित केंद्र सरकार की तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने वर्ष 2011-12 के रेल बजट में नागपुर, भोपाल, चंडीगढ़ आदि में मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री यूनिट लगाने की घोषणा की थी. ‘बिल्ड, ओन, आॅपरेट एंड ट्रांसफर’ (बूट) मॉडल के तहत यह यूनिट लगाई जानी थी. नागपुर की मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री का ठेका हैदराबाद की सुप्रीम लॉन्ड्री को दिया गया है. यह ठेका दस साल के लिए है. इसके बाद मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री यूनिट मध्य रेलवे को हस्तांतरित कर दी जाएगी.

खुद-ब-खूद होगी चादर की फोल्डिंग

इस मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री में वॉशिंग मशीन की तर्ज पर बड़ी-सी मशीनें लगाई गई हैं. इसमें चादर, टॉवेल, तकियों की खोल की धुलाई होगी. इसके बाद उन्हें मशीन में निचोड़ा जाएगा. फिर ड्रायर में सुखाकर ऑटोमेटिक मशीन की मदद से उनकी खुद-ब-खुद घड़ी होकर इनकी पैकिंग हो जाएगी. धुली चादर, तौलिये और तकियों की खोल शुरुआत में मध्य रेलवे, नागपुर मंडल की ट्रेनों में उपलब्ध कराई जाएगी. इसके बाद मध्य रेलवे मुख्यालय से मंजूरी मिलने पर अन्य पासिंग ट्रेनों में भी इन्हें मुहैया कराया जा सकता है.

मध्य भारत की पहली ग्रीन लॉन्ड्री

अजनी में निर्माणाधीन मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री मध्य भारत की पहली ग्रीन लॉन्ड्री होगी. इसके लिए सोलर पैनल, सोलर पाइप लगाए जा रहे हैं. टर्बाइन टाइप वेंटिलेटर लगाए गए हैं. परिसर में प्लांटेशन किया जा रहा है. वरिष्ठ मंडल मेकेनिकल इंजीनियर अखिलेश चौबे का कहना है कि मध्य रेलवे प्रशासन इन सभी कार्यों के चलते ‘ग्रीन-को’ की प्लेटिनम रेटिंग हासिल करने के लिए भी प्रयासरत है.

स्टाफ कैंटीन, रेस्टरुम का भी प्रबंध

मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री में ठेकेदार सुप्रीम लॉन्ड्री के कर्मचारी काम करेंगे. उनके लिए यहां स्टाफ कैंटीन और रेस्टरुम का प्रबंध किया गया है. इसके अलावा लॉन्ड्री के कार्यों पर नजर रखने और क्वालिटी कंट्रोल की दृष्टि से मध्य रेलवे के मेकेनिकल डिपार्टमेंट के स्टाफ को भी यहां तैनात किया जाएगा.

मार्च अंत तक पूरा होगा काम
‘‘अजनी में मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री प्रोजेक्ट का काम मार्च अंत या अप्रैल के पहले सप्ताह तक पूरा कर इसे कार्यान्वित करने के लिए जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं. इसके बाद नागपुर मंडल की ट्रेनों को लॉन्ड्री से चादर, तकिये की खोल, कंबल की सप्लाई की जाएगी. इसके बाद मध्य रेलवे मुख्यालय से मंजूरी मिलने पर अन्य ट्रेनों में भी इनकी सप्लाई की जाएगी.
- सोमेश कुमार, मंडल रेल प्रबंधक, मध्य रेलवे, नागपुर मंडल ’’

तीन शिफ्ट में हो सकेगा काम

मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री में लगाई जा रही इम्पोर्टेड मशीनों की क्षमता 8 टन की है यानी दो शिफ्ट में इतने वजन के कपड़ों की वे धुलाई आसानी से कर सकते है. वहीं, वर्तमान में मध्य रेलवे, नागपुर मंडल की नागपुर से चलने वाली ट्रेनों के लिए इतने ही वजन की चादर, कंबल, तकिये की खोल की आवश्यकता है. हालांकि, भविष्य में अजनी में पिट लाइन पर ट्रेनों की संख्या बढ़ने पर चादर, कंबल, तकिये की खोल की डिमांड भी बढ़ जाएगी. ऐसे में भविष्य में लॉन्ड्री यूनिट को तीन शिफ्ट में चलाया जा सकता है. ऐसा होने पर यूनिट की क्षमता 12 टन की हो जाएगी.

लंबा वक्त लग गया पूरा होने में 

मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री प्रोजेक्ट की घोषणा 2011-12 के रेल बजट में होने के बाद इसके साकार होने में लंबा वक्त लग गया. इसकी वजह यह रही कि शुरुआती दौर में इस प्रोजेक्ट के लिए स्थान तय होने में देरी हुई. इसके बाद प्रोजेक्ट के लिए डिजाइन व अन्य कागजी अनिवार्यताएं पूरी की गई. फिर टेंडर निकाला गया. इस टेंडर प्रक्रिया में एकमात्र कंपनी द्वारा भाग लिए जाने के चलते इस प्रक्रिया को निरस्त किया गया. इसके बाद मध्य रेलवे मुंबई मुख्यालय की अनुमति से फिर से टेंडर प्रक्रिया हुई.

इसमें हैदराबाद की सुप्रीम लॉन्ड्री ने कम बोली लगाकर यह ठेका हासिल किया. इसके बाद ठेकेदार कंपनी द्वारा अजनी में मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री का निर्माण कार्य शुरू किया गया. इसमें कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन लॉन्ड्री के लिए इम्पोर्टेड मशीनरी के आयात में ‘लेटर ऑफ क्रेडिट’ की दिक्कत पेश आई. इससे इन मशीनों के नागपुर आने में विलंब हुआ. लेकिन अब हालात अनुकूल हैं और काम लगभग पूरा होकर लॉन्ड्री के शीघ्र शुरू होने के आसार बन रहे हैं. इसका लाभ रेलयात्रियों को होगा.

जानें पूरा फैक्ट 

- वर्ष 2011-12 के रेल बजट में घोषणा
- मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री की लागत रु.57 करोड़
- अजनी रेल परिसर में निर्माण कार्य जारी
- अब तक 95 फीसदी सिविल वर्क पूरा
- मंगाई गई हैं 12 इम्पोर्टेड मशीनें
- बॉयलर इन्स्टॉलेशन वर्क पूरा
- 1500 वर्ग मीटर में कंस्ट्रक्शन
- दो शिफ्ट में होगा धुलाई का काम
- वॉटर रिसाइक्लिंग की भी व्यवस्था
- ‘बूट’ बेसिस पर ठेका आवंटित
- सुप्रीम लॉन्ड्री को मिला है ठेका

Web Title: Central railway may be announced AC coach clean blankets, towels, sheets for passengers nagpur news hindi

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे