संघीय ढांचे को 'कमजोर' कर रहा है केंद्र: बीएसएफ अधिकार क्षेत्र पर सिद्धू ने कहा

By भाषा | Updated: October 25, 2021 17:21 IST2021-10-25T17:21:32+5:302021-10-25T17:21:32+5:30

Center 'weakening' federal structure: Sidhu on BSF jurisdiction | संघीय ढांचे को 'कमजोर' कर रहा है केंद्र: बीएसएफ अधिकार क्षेत्र पर सिद्धू ने कहा

संघीय ढांचे को 'कमजोर' कर रहा है केंद्र: बीएसएफ अधिकार क्षेत्र पर सिद्धू ने कहा

चंडीगढ़, 25 अक्टूबर पंजाब कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र के मुद्दे को लेकर सोमवार को केंद्र पर हमला बोला और आरोप लगाया कि वह "राज्य के भीतर राज्य बनाकर संघीय ढांचे को कमजोर कर रहा है।’’

सिद्धू ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के साथ ही "पंजाब के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों के उल्लंघन" के लिए भी केंद्र सरकार की आलोचना की तथा राज्य में "उत्पीड़न, झूठे मामलों, मनमाने तरीके से और अवैध गिरफ्तारी" की आशंका भी जतायी।

केंद्र सरकार ने हाल ही में बीएसएफ कानून में संशोधन किया था ताकि बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किमी के बदले 50 किमी के भीतर तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने का अधिकार मिल सके।

सिद्धू ने सोमवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर केंद्र पर निशाना साधा। वह बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर विचार-विमर्श करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में लिया।

भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी, लोक इंसाफ पार्टी और अन्य दलों के प्रतिनिधि सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए।

सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘ केंद्र ‘राज्य के अंदर राज्य' बनाकर देश के संघीय ढांचे को कमजोर कर रहा है, बीएसएफ यानी सीमा सुरक्षा बल, सीमा की क्या परिभाषा है? 50 किमी ?? लोक व्यवस्था, जो लोक शांति और सुरक्षा का प्रतीक है, मुख्य रूप से राज्य सरकार की जिम्मेदारी है (प्रविष्टि 1, राज्य सूची)”

उन्होंने आरोप लगाया कि बीएसएफ ने सुरक्षा के नाम पर पश्चिम बंगाल में देश के संवैधानिक प्रावधान का "हर दिन उल्लंघन" किया है और " ऐसी आशंका है कि पंजाब में भी उत्पीड़न, झूठे मामले, मनमाने तरीके से हिरासत में लेने और अवैध गिरफ्तारी की घटनाएं होंगी।"

उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल में कई मामले हैं जहां बीएसएफ ने गोलीबारी की घटनाओं के बाद स्थानीय पुलिस को सूचना नहीं दी। पिछले पांच साल में बंगाल सरकार ने बीएसएफ पर न्यायेतर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कुल 240 मामले, न्यायेतर सजा के 60 मामले और जबरन लापता करने के आठ मामले दर्ज किए थे।’’

सिद्धू ने कहा, ‘‘इनमें से, 33 मामलों में, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पीड़ितों या उनके परिजनों को मुआवजे की सिफारिश की। अगर उत्तर प्रदेश पुलिस प्रियंका गांधी जी को बिना किसी वैध कारण के 60 घंटे से अधिक समय तक अवैध रूप से हिरासत में रख सकती है, तो बीएसएफ द्वारा हिरासत में लिए जाने पर किसी आम व्यक्ति की गारंटी कौन लेगा।

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Web Title: Center 'weakening' federal structure: Sidhu on BSF jurisdiction

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