चेन्नई, 16 फरवरी भाकपा महासचिव डी राजा ने सोमवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि देवेंद्रकुला वेल्लालर समुदाय के सभी उप सम्प्रदायों को उनके पारम्परिक नाम के तहत एक साथ लाने संबंधी मांग को मानने का उसका फैसला जाति प्रणाली को बचाने की कोशिश है।
राजा ने यह भी दावा कि इसका मकसद भाजपा को तमिलनाडु में राजनीतिक रूप से स्थापित करना है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘देवेंद्रकुला वेल्लालर के (उप सम्प्रदायों के) नाम को बदलना जाति प्रणाली को बचाने की कोशिश है, जिसके सहारे भाजपा अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा करने और स्वयं को (तमिलनाडु में) स्थापित करने की उम्मीद रखती है।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां अपनी यात्रा के दौरान घोषणा की थी कि केंद्र ने देवेंद्रकुला वेल्लालर समुदाय की इस मांग को स्वीकार कर लिया है कि उसे उसके सात उप-सम्प्रदायों के नामों से नहीं, बल्कि उसके सामूहिक एवं पारम्परिक नाम ‘देवेंद्रकुला वेल्लालर (डीवीआर)’ के तौर पर ही सूचीबद्ध किया जाए।
राज्य में पुथिया तमिलागम पार्टी सात सम्प्रदायों के नाम बदलकर उन्हें उनके एकल विरासत नाम डीवीआर के तहत लाए जाने और इस जाति को अनुसूचित जातियों की सूची से बाहर किए जाने की मांग कर रही थी।
राजा ने केंद्र सरकार पर राज्यों के अधिकार छीनने और संविधान, खासकर इसके धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘तमिलाडु समेत पांच राज्यों में चुनाव भाजपा के शासनकाल (केंद्र) के पतन की शुरुआत होंगे।’’
तमिलनाडु के अलावा पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में इस साल विधानसभा चुनाव होंगे।
उन्होंने किसान प्रदर्शनों संबंधी टूलकिट साझा करने में कथित संलिप्तता को लेकर जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी को ‘’अनुचित’’ बताया।
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