"गलती से पाकिस्तान में ब्रह्मोस मिसाइल दागने पर भारत को हुआ 24 करोड़ का नुकसान...संबंध भी हुए प्रभावित", दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र ने कहा

By आजाद खान | Published: May 30, 2023 11:30 AM2023-05-30T11:30:36+5:302023-05-30T11:48:56+5:30

पाकिस्तान में ब्रह्मोस मिसाइल के मिसफायर पर बोलते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि ‘राज्य की सुरक्षा के लिए व्यापक प्रभाव वाले विषय की संवेदनशील प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, याचिकाकर्ता की सेवा को समाप्त करने के लिए एक सचेत और सुविचारित निर्णय लिया गया था। भारतीय वायु सेना में ऐसा निर्णय 23 साल बाद लिया गया है। क्योंकि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों ने इस तरह की कार्रवाई की मांग की थी।’

Center tells Delhi HC that India suffered loss Rs 24 crore due to mistakenly firing BrahMos missile Pakistan | "गलती से पाकिस्तान में ब्रह्मोस मिसाइल दागने पर भारत को हुआ 24 करोड़ का नुकसान...संबंध भी हुए प्रभावित", दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र ने कहा

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो

Highlightsपाकिस्तान में ब्रह्मोस मिसाइल के मिसफायर से भारत को 42 करोड़ का नुकसान हुआ है। यह बात केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है और इसे घोर लापरवाही माना है। इस हालत में केंद्र ने वायुसेना के अधिकारियों की बर्खास्तगी को सही ठहराया है।

नई दिल्ली:  केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि बीते साल भारत द्वारा गलती से पाकिस्तान में ब्रह्मोस मिसाइल चलाए जाने के कारण सरकारी खजाने का 24 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। यही नहीं केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि इस गलती के कारण भारत का पड़ोसी देश से रिश्ते और भी खराब हुए हैं और इससे युद्ध जैसे स्थिति भी पैदा हो सकती थी। 

इसके अलावा केंद्र ने कोर्ट में यह भी कहा कि इसे एक घोर लापरवाही मानी गई है और इससे देश के की प्रतिष्ठा को नुकसान भी पहुंचा था। बता दें कि पिछले साल मार्च में भारतीय वायुसेना की एक अधिकारी द्वारा लगती से पड़ोसी देश में ब्रह्मोस मिसाइल मिसफायर हो गई थी, ऐसे में इस लापरवाही पर कार्रवाई करते हुए भारतीय वायुसेना ने अपने तीन अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया था। आईएएफ द्वारा काम से निकाले जाने के बाद अधिकारी ने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी जिसकी सुनवाई के समय इन नुकसानों का खुलासा हुआ है। 

क्या है पूरा मामला

हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार, केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि वायुसेना के तीन अधिकारियों की बर्खास्तगी सही है। सरकार के अनुसार, घटना के बाद कोर्ट मार्शल के दौरान अधिकारियों को पूरी सुविधा दी गई है कि वे अपना बात रखें। ऐसे में केंद्र ने पूरी प्रक्रिया के बाद ही यह फैसला लिया है। 

इस पर आगे बोलेत हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि ‘राज्य की सुरक्षा के लिए व्यापक प्रभाव वाले विषय की संवेदनशील प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, याचिकाकर्ता की सेवा को समाप्त करने के लिए एक सचेत और सुविचारित निर्णय लिया गया था। भारतीय वायु सेना में ऐसा निर्णय 23 साल बाद लिया गया है। क्योंकि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों ने इस तरह की कार्रवाई की मांग की थी।’ 

याचिकाकर्ता विंग कमांडर ने कोर्ट में क्या कहा था

भारतीय वायुसेना द्वारा अधिकारियों को बर्खास्त किए जाने के बाद विंग कमांडर अभिनव शर्मा ने कोर्ट का रूख किया था। ऐसे में अपनी याचिका में शर्मा ने कोर्ट से कहा था कि उन्हें केवल रखरखाव की ट्रेनिंग दी गई थी, उन्हें ऑपरेशनल ट्रेनिंग नहीं दी गई थी। इस हालत में उनके अनुसार, उनकी बर्खास्तगी सही नहीं है। 

बता दें कि याचिकाकर्ता विंग कमांडर अभिनव शर्मा ने वायु सेना अधिनियम, 1950 की धारा 18 के तहत अपने खिलाफ जारी बर्खास्तगी के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
 


 

Web Title: Center tells Delhi HC that India suffered loss Rs 24 crore due to mistakenly firing BrahMos missile Pakistan

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