केंद्र किसानों की बात सुनने का इच्छुक नहीं: कनिमोझी
By भाषा | Updated: September 20, 2021 17:47 IST2021-09-20T17:47:54+5:302021-09-20T17:47:54+5:30

केंद्र किसानों की बात सुनने का इच्छुक नहीं: कनिमोझी
चेन्नई, 20 सितंबर द्रमुक नेता और संसद सदस्य कनिमोझी ने सोमवार को किसानों के सामने आ रही समस्याओं को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
नरेंद्र मोदी सरकार पर कानून बनाने और लोगों की भलाई नहीं करने वाली पहल शुरू करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इसने छात्रों को भी नहीं बख्शा है क्योंकि इसने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) का आयोजन जारी रखा है।
उन्होंने कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए कहा, “सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि केंद्र मुद्दों को हल नहीं करना चाहता...वह किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए तैयार ही नहीं है।”
विपक्षी दलों द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत यहां ऐसे प्रदर्शन का नेतृत्व करने के बाद कनिमोझी ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वे तीनों (नए कृषि कानून) किसानों के हित के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि जब अर्थव्यवस्था गिर रही है तो सरकार ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि करने का फैसला किया है।
कनिमोझी ने कहा, “जब अर्थव्यवस्था में गिरावट के बावजूद ईंधन और एलपीजी की कीमतें बढ़ जाती हैं तो लोग दिन-प्रतिदिन के जीवन का प्रबंधन कैसे कर सकते हैं? सरकार ने सत्ता में आने से पहले कई नौकरियां पैदा करने का वादा किया था, लेकिन उसने कोई रोजगार सृजन नहीं किया।”
उन्होंने कहा, “हमने भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ महिला शाखा के साथ, द्रमुक के संघर्ष के साथ, अपना विरोध दर्ज कराया है।”
द्रमुक की युवा शाखा के सचिव उदयनिधि स्टालिन ने शहर में प्रदर्शन का नेतृत्व किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने केंद्र की आलोचना करते हुए नारेबाजी की और पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के दाम स्थिर करने के लिये कदम उठाने की मांग की।
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