दिल्ली में सार्वजनिक स्थलों और नदी के किनारे छठ मनाने की अनुमति नहीं होगी : डीडीएमए
By भाषा | Updated: September 30, 2021 21:11 IST2021-09-30T21:11:45+5:302021-09-30T21:11:45+5:30

दिल्ली में सार्वजनिक स्थलों और नदी के किनारे छठ मनाने की अनुमति नहीं होगी : डीडीएमए
नयी दिल्ली, 30 सितंबर दिल्ली में इस साल सार्वजनिक स्थानों और नदी के किनारे छठ का त्योहार मनाने की अनुमति नहीं होगी। यह घोषणा दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने बृहस्पतिवार को की। हालांकि, रामलीला और दुर्गापूजा जैसे त्योहारों के लिए बड़ी संख्या में लोगों के जमा और समारोह के लिए पांबदियों में ढील दी गई है।
प्राधिकरण ने नए कोविड-19 दिशानिर्देश में हालांकि कहा है कि बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने और समारोह के लिए नियमों में ढील त्योहार मनाने के लिए केवल 15 नवंबर तक दी गई है।
दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव ने आधिकारिक आदेश में कहा , ‘‘दिल्ली में त्योहारों के दौरान प्रदर्शनी, मेला, खाने- पीने की दुकानें, झूला, रैली और जुलूस निकालने की अनुमति नहीं होगी। सार्वजनिक स्थानों, नदी के तटों, घाट और मंदिर पर छठ मनाने की भी अनुमति नहीं दी जाएगी और लोगों को सलाह दी जाती है कि वे इस त्योहार को अपने घर में ही मनाएं।’’
आदेश में कहा गया है, ‘‘उत्सव समारोह मनाने के लिए सभी आयोजकों को पूर्व में ही संबंधित जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी। जिलाधिकारी या प्राधिकारी निषिद्ध क्षेत्र में कोई भी कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं देंगे।’’
डीडीएमए ने कहा कि अनुमति इलाके के थाना प्रभारी, कार्यकारी मजिस्ट्रेट और नगर निगम के लाइसेंसिंग निरीक्षक के संयुक्त निरीक्षण के आधार पर दी जानी चाहिए। यह स्पष्ट रूप से प्रमाणित किया जाना चाहिए कि उत्सव मनाने का स्थान कार्यक्रम के लिए उपयुक्त है और सभी अर्हताओं को पूरा करता है।
आदेश में कहा गया कि सबंधित जिलाधिकारी और जिले के पुलिस उपायुक्त उचित वरिष्ठता के आधार पर प्रत्येक रामलीला स्थल और पूजा पंडाल आदि के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे।
डीडीएमए ने कहा, ‘‘नोडल अधिकारी इस आदेश और समय-समय पर कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए जारी दिशानिर्देशों और मानक परिचालन प्रक्रिया का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए जिम्मेदार होंगे।’’
आदेश में कहा गया कि यह आयोजकों के लिए अनिवार्य होगा कि वे दैनिक आधार पर कार्यक्रम शुरू होने से लेकर संपन्न होने तक वीडियोग्राफी कराएं। इसमें कहा गया कि कार्यक्रम संपन्न होने के तीन घंटे के भीतर आयोजक असंपादित वीडियो की सॉफ्ट प्रति और प्रमाणपत्र नोडल अधिकारी के पास जमा कराएंगे जिसमें उल्लेख करना होगा कि उन्होंनें केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा जारी एसओपी का उल्लंघन नहीं किया है।
डीडीएमए ने कहा, ‘‘नोडल अधिकारी रोजाना वीडियो की समीक्षा करेगा और नियमों का उल्लंघन होने पर संबंधित जिलाधिकारी और पुलिस उपायुक्त को सूचित करेगा और उसके आधार पर बाकी दिनों के लिए कार्यक्रम को आयोजित करने की अनुमति वापस ले ली जाएगी।’’
डीडीएमए ने स्पष्ट किया किसी भी उत्सव में लोगों को खड़े होने या जमीन पर बैठने की अनुमति नहीं होगी और केवल कुर्सियों की व्यवस्था होने और सामाजिक दूरी का अनुपालन करने पर ही कार्यक्रम की अनुमति दी जाएगी।
डीडीएमए ने कहा,‘‘कार्यस्थल की क्षमता का निर्धारण वहां मौजूद स्थान और सामाजिक दूरी के नियम के आधार पर किया जाएगा। बंद स्थान पर सभागार की क्षमता के अधिकतम 50 प्रतिशत लोगों को एक समय पर रहने की अनुमति होगी जबकि खुले स्थान पर आयोजित कार्यक्रम के लिए क्षमता का निर्धारण मैदान के आकार और सामाजिक दूरी के नियमों अनुपालन के आधार पर होगा।’’
गौरतलब है कि अक्टूबर में नवरात्र के साथ ही त्योहारों का मौसम शुरू होगा और इसी दौरान दुर्गा पूजा होगी। दशहरा इस साल 15 अक्टूबर को है जबकि दिवाली चार नवंबर को है। छठ पूजा इस साल 10 नवंबर को है।
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