सीबीएसई ने प्रश्नों को, समझ परखने के अनुरूप बनाने के लिये डिजाइन में संशोधन शुरू किया
By भाषा | Updated: February 15, 2021 17:23 IST2021-02-15T17:23:47+5:302021-02-15T17:23:47+5:30

सीबीएसई ने प्रश्नों को, समझ परखने के अनुरूप बनाने के लिये डिजाइन में संशोधन शुरू किया
नयी दिल्ली, 15 फरवरी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने साल 2025 तक प्रत्येक क्रमिक वर्ष में प्रश्नों को विषयवस्तु की बजाए समझ को परखने के अनुरूप बनाने के लिये प्रश्नपत्रों के डिजाइन को संशोधित करना शुरू कर दिया है ।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 8 फरवरी को लोकसभा में अनिल फिरोजिया, दीपसिंह शंकरसिंह राठौड़ और मोहनभाई कुडारिया के प्रश्नों के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी थी।
उन्होंने बताया कि सीबीएसई के पाठ्यक्रम में संगीत, नृत्य, ललित कला और डिजाइन, कोडिंग, कृत्रिम बुद्धिमता जैसे रचनात्मक क्षेत्रों को शामिल किया गया है ।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि सीबीएसई ने साल 2025 तक प्रत्येक क्रमिक वर्ष में वास्तविक जीवन संदर्भो पर 10 प्रतिशत उच्चतर क्रम अनुप्रयोग उन्मुखी स्रोत (हाई आर्डर एप्लीकेशन ओरिएंटेड सोर्स/केस) आधारित प्रश्नों को जोड़कर विषयवस्तु की बजाए समझ को परखने के अधिक अनुरूप बनाने के लिये प्रश्नपत्रों के डिजाइन को संशोधित करना शुरू कर दिया है ।
निशंक ने बताया कि बच्चों में समालोचनात्मक एवं रचनात्मक सोच को बढ़ावा देने और वास्तविक जीवन की स्थितियों से सीखने को जोड़कर जिज्ञासा उत्पन्न करने के लिये सीबीएसई ने अंग्रेजी, गणित एवं विज्ञान में साप्ताहिक एवं मासिक आधार पर आलोचनात्मक एवं रचनात्मक सोच (सीसीटी) संबंधी पाठों को उपलब्ध कराना भी शुरू कर दिया है।
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