नई दिल्ली, 7 अप्रैलः सीबीएसई के 12वीं के इकोनॉमिक्स के पेपर लीक मामले में शनिवार को तीन लोग गिरफ्तार किए गए। इसमें हिमाचल प्रदेश का एक अध्यापक, एक क्लर्क और एक स्टाफ शामिल है। आरोप है कि इन्होंने हाथ से लिखकर पेपर की कॉपी लीक कर दी थी। इससे पहले सीबीएसई की कक्षा दसवीं के गणित और 12वीं कक्षा के के पेपर लीक की जांच में लगी पुलिस का मानना था कि या तो पेपर बोर्ड अधिकारियों के पास होने के दौरान लीक हुए या फिर उस समय लीक हुए जब वे बैंकों में रखे हुए थे।
12वीं का अर्थशास्त्र का पेपर कथित तौर पर जिस स्कूल से गायब हुआ उसके प्रिंसिपल ने पुलिस से कहा कि घटना के दिन विद्यालय में लगे 15 सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे। पुलिस ने अपनी जाँच में पाया कि नियमों की अनदेखी करते हुए स्कूल ने परीक्षा के प्रश्नपत्र समय से दो घण्टे पहले मँगा लिये थे।
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दिल्ली पुलिस ने सीबीएसई पेपर के लीक होने को लेकर दो मामले दर्ज किये थे। पहला मामला अर्थशास्त्र के प्रश्न पत्र के लीक होने से संबंधित 27 मार्च को दर्ज किया गया था जबकि एक अन्य मामला गणित के पेपर के लीक होने के संबंध में 28 मार्च को दर्ज किया गया था। एचआरडी मंत्रालय ने घोषणा की थी कि प्रश्न पत्र लीक होने के मद्देनजर सीबीएसई कक्षा 12 वीं के अर्थशास्त्र विषय की परीक्षा फिर से 25 अप्रैल को कराई जायेगी।
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इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने आग्रह किया है कि 12वीं के छात्रों को दोबारा इकोनॉमिक्स के पेपर से छूट दी जाए। उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखे एक पत्र में कहा कि कक्षा 12 वीं के छात्र पहले से ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की प्रक्रिया में हैं और काफी तनाव तथा चिंता में हैं, और उन्हें फिर से परीक्षा में बैठने से छूट दी जानी चाहिए।