केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों को चलते 22 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है।
इससे पहले भी सीबीआईसी ने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
पिछले महीने एक बड़े खुलासे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में यह जानकारी देते हुए बताया है कि सरकार ने एफआर 56 (जे) के तहत ग्रुप ए के 36,756 और ग्रुप बी के 82,654 अधिकारियों के व्यवहार और कामकाज की पड़ताल की थी।
लगभग 1.20 लाख अधिकारियों की यह समीक्षा जुलाई 2014 से मई 2019 के कार्यकाल के लिए की गई थी। इनमें से 312 के खिलाफ कार्रवाई की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखित जवाब में बताया कि अनुशासन संबंधी नियमों के तहत सरकार को भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ उपलब्ध सबूतों के आधार पर ऐसी कार्रवाई का अधिकार है।
आधारभूत नियमों (एफआर) 56 (जे), केंद्रीय सिविल सेवा (सीसीएस) (पेंशन) नियम क्र. 48, अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियम 1958 के तहत सरकार को आवधिक समीक्षा और समय पूर्व सेवानिवृत्ति देने के अधिकार मिले हुए हैं।