शारदा चिटफंड घोटला को लेकर कोलकाता पुलिस कमिश्नर और सीबीआई के बीच पैदा हुए विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। इस फैसले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने किया।
कोर्ट ने कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को सीबीआई के समक्ष स्वयं को उपलब्ध कराने और शारदा घोटाला जांच में पूरा सहयोग करने का आदेश दिया। वहीं, सुप्रीम कोर्ट 20 फरवरी को कोर्ट सुनवाई करेगा।
जानिए सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ
- सुप्रीम कोर्ट ने DGP, कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी को अवमानना का नोटिस दिया। - इन तीनों को 18 तारीख को जवाब देना होगा। - सुप्रीम कोर्ट ने कमिश्नर को शिलांग में सीबीआई के सामने पेश होने को कहा। - 20 फरवरी को होगी मामले की अगली सुनवाई- इससे पहले अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने सीबीआई की ओर से बहस शुरू की। - उन्होंने शारदा चिटफंड घोटाला मामले में सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया।- अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कोलकाता पुलिस ने छेड़छाड़ किए हुए कॉल डेटा रिकॉर्ड मुहैया कराए।- उन्होंने कहा कि चिटफंड घोटाले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित एसआईटी का नेतृत्व कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार कर रहे थे।
वहीं, कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने अपना नंबर बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया।
इस मामले को लेकर सीबीआई ने पुलिस कमिश्ननर के खिलाफ अगल से हलफनामा पेश किया है। हलफनामे में सीबीआई ने कहा है कि मामले की जांच कर रही एसआईटी ने शारदा, रोज वैली, टावर ग्रुप जैसी कंपनियों को मदद पहुंचाई है। जिन कंपनियों को एसआईटी ने मदद पहुंचाई है, वह सभी टीएमसी के कैंपेन में योगदान देते हैं।
इससे पहले सोमवार (4 फरवरी) को सीबीआई ने पुलिस कमिश्नर और ममता सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर सीबीआई कमिश्नर के खिलाफ पुख्ता सबूत लाएंगे तो ऐसी कार्रवाई होगी कि कमिश्नर पछताएंगे। बता दें कि याचिका में सीबीआई ने कोर्ट से निवेदन किया था कि वह राजीव कुमार को जांच में सहयोग करने का निर्देश दें। साथ ही सीबीआई ने राजीव कुमार पर अब तक हुई इन्वेस्टिगेशन में साथ न देने का आरोप भी लगाया है।