सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के बाइक बोट घोटाले की जांच अपने हाथ में ली

By भाषा | Updated: November 1, 2021 23:04 IST2021-11-01T23:04:41+5:302021-11-01T23:04:41+5:30

CBI takes over investigation of bike boat scam in Uttar Pradesh | सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के बाइक बोट घोटाले की जांच अपने हाथ में ली

सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के बाइक बोट घोटाले की जांच अपने हाथ में ली

नयी दिल्ली, एक नवंबर सीबीआई ने उत्तर प्रदेश में 15,000 करोड़ रुपये के ‘बाइट बोट’ घोटाले की जांच अपने हाथ में ली है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

इस घोटाले के तहत बाइक टैक्सी मुहैया कराने के नाम पर करीब दो लाख निवेशकों में प्रत्येक से 62,100 रुपये की ठगी की गई थी।

अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिकी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस पत्र पर संज्ञान लिया है जिसमें केंद्रीय एजेंसी से दिसंबर 2019 में नोएडा पुलिस द्वारा दादरी में दर्ज 11 प्राथमिकी की जांच करने को कहा गया है।

यह पत्र कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने इस साल सितंबर महीने में सीबीआई को भेजा था।

अधिकारी ने उपरोक्त तथ्य का हवाला देते हुए कहा कि एजेंसी ने बाइक बोट के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संजय भाटी और कंपनी के छह अन्य कार्यकारियों व आठ अन्य सहित 15 लोगों को आरोपी बनाया है जिन पर करीब दो लाख निवेशकों से बाइक बोट टैक्सी देने और निश्चित आय का भरोसा देकर प्रत्येक से 62,100 रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है।

कंपनी ने अगस्त 2017 में लुभाने वाली योजना पेश की थी जिसे बाइक बोट के नाम से जानते हैं।

प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि देश भर के निवेशकों ने निवेश किया जिनके साथ कंपनी और भाटी ने धोखाधड़ी की।

प्राथमिकी में कहा गया, ‘‘...पहले से रची गई साजिश के तहत संजय भाटी और उसके सहयोगियों ने निवेशकों से धोखाधड़ी की और पूरे देश से कम से कम 15 हजार करोड़ रूपये बाइक बोट के कारोबार के नाम पर एकत्र किए और उस राशि का गबन किया।’’

सीबीआई ने हालांकि, यह नहीं बताया है कि वह 15 हजार करोड़ रूपये के आंकड़े तक कैसे पहुंची।

अधिकारियों ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जिन्हें आम तौर पर नोएडा एसपी (अपराध) के तौर पर जाना जाता है, की भूमिका भी जांच के दायरे में है, क्योंकि आरोप है कि उन्होंने कंपनी के खिलाफ शिकायतों को नजरअंदाज किया।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया, ‘‘कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की जानकारी नोएडा जिला प्राधिकरण और पुलिस प्राधिकारियों को भी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई बल्कि एसएसपी और एसपी (अपराध) द्वारा शिकायतकर्ताओं पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया गया।’’

नोएडा पुलिस के मुताबिक कंपनी के पास करीब सात हजार बाइक थी जिनमें से केवल दो हजार पंजीकृत थी। करीब 2.25 लाख लोगों में से प्रत्येक ने 62,100 रुपये का निवेश पोंजी योजना में किया था जो कुल 1300 करोड़ रुपये है।

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Web Title: CBI takes over investigation of bike boat scam in Uttar Pradesh

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