राफेल सौदाः प्रशांत भूषण और अरुण शौरी ने कहा- सीबीआई को FIR करनी चाहिए दर्ज

By भाषा | Published: November 15, 2019 07:43 PM2019-11-15T19:43:11+5:302019-11-15T19:43:11+5:30

राफेल सौदाः वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सीबीआई तीन न्यायाधीशों की शीर्ष अदालत की पीठ के फैसले के बावजूद उनकी शिकायत पर जांच करने के लिए बाध्य है। अगर सीबीआई ऐसा नहीं करती तो वे फिर उच्चतम न्यायालय में जाएंगे।

CBI should file FIR in Rafale case say Prashant Bhushan and Arun Shourie | राफेल सौदाः प्रशांत भूषण और अरुण शौरी ने कहा- सीबीआई को FIR करनी चाहिए दर्ज

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Highlightsवकील प्रशांत भूषण और पूर्व भाजपा नेता अरुण शौरी ने शुक्रवार को कहा कि सीबीआई को राफेल सौदे के मामले में प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए। एक दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस मामले में क्लीन चिट दी है।

वकील प्रशांत भूषण और पूर्व भाजपा नेता अरुण शौरी ने शुक्रवार को कहा कि सीबीआई को राफेल सौदे के मामले में प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए। एक दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस मामले में क्लीन चिट दी है। उच्चतम न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने पर मोदी सरकार को क्लीन चिट देने के पिछले साल सुनाये गये फैसले पर पुनर्विचार के लिए भूषण, शौरी और पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा की याचिका समेत अन्य याचिकाओं को गुरूवार को खारिज कर दिया।

भूषण ने कहा कि सीबीआई तीन न्यायाधीशों की शीर्ष अदालत की पीठ के फैसले के बावजूद उनकी शिकायत पर जांच करने के लिए बाध्य है। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर सीबीआई ऐसा नहीं करती तो वे फिर उच्चतम न्यायालय में जाएंगे। संवाददाताओं को शौरी ने भी संबोधित किया। इस दौरान सिन्हा उपस्थित नहीं थे।

भूषण ने अपने पक्ष को पुख्ता करने के लिए न्यायमूर्ति के एम जोसेफ के फैसले का जिक्र किया जो फैसला सुनाने वाली प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ में शामिल रहे हैं। न्यायमूर्ति जोसेफ ने बुधवार को अलग फैसले में कहा कि सीबीआई से मौजूदा सरकार से पूरी तरह स्वतंत्र होकर काम करने की तथा सर्वोच्च स्तर के पेशेवर तौर-तरीकों की अपेक्षा की जाती है।

भूषण ने कहा, ‘‘सीबीआई को मामले की जांच के लिए सरकार की अनुमति मांगनी होगी और उसके पास ऐसा करने के लिए तीन महीने का समय है।’’ अगर सीबीआई ऐसा नहीं करती है तो उसे मामले की जांच नहीं करने के कारण बताने होंगे। सिन्हा, शौरी और भूषण ने पिछले साल अक्टूबर में उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया था कि राफेल सौदे में प्राथमिकी दर्ज की जाए।

शीर्ष अदालत ने 14 दिसंबर, 2018 को फैसले में कहा था कि 36 राफेल लड़ाकू विमानों को खरीदने में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह का कोई कारण नहीं है। तीनों याचिकाकर्ताओं ने 14 दिसंबर के फैसले पर पुनर्विचार के लिए जनवरी में शीर्ष अदालत में गुहार लगाई थी।

Web Title: CBI should file FIR in Rafale case say Prashant Bhushan and Arun Shourie

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