सीबीआई ने कार्पोरेशन बैंक के अध्यक्ष एवं अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया

By भाषा | Published: December 17, 2021 05:43 PM2021-12-17T17:43:36+5:302021-12-17T17:43:36+5:30

cbi files charge sheet against corporation bank chairman and others | सीबीआई ने कार्पोरेशन बैंक के अध्यक्ष एवं अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया

सीबीआई ने कार्पोरेशन बैंक के अध्यक्ष एवं अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कॉर्पोरेशन बैंक के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) रामनाथ प्रदीप और अन्य अधिकारियों के खिलाफ एक कंपनी द्वारा ऋण चूक के कारण बैंक को 79 करोड़ रुपये के कथित नुकसान के संबंध में आरोपपत्र दाखिल किया है। यह जानकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को दी।

अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी द्वारा एसीएमएम, एस्प्लेनेड, मुंबई की अदालत में दाखिल आरोपपत्र में तत्कालीन मुख्य प्रबंधक एस एन मूर्ति शंकर और तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक, कॉर्पोरेशन बैंक, एलसीबी, मुंबई के ए. पी. शिव कुमार का नाम है।

एजेंसी ने पारेख एल्युमिनेक्स लिमिटेड, उसके निदेशकों और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के खिलाफ 16 जून, 2017 को बैंक की शिकायत पर जांच अपने हाथ में ली थी। कंपनी और सीए को 28 दिसंबर, 2020 को चार्जशीट किया गया था।

सीबीआई प्रवक्ता आर. सी. जोशी ने कहा, ‘‘आरोप है कि निदेशकों, चार्टर्ड एकाउंटेंट और अन्य ने साजिश रची और ई-कॉर्पोरेशन बैंक (अब यूबीआई) से (लगभग) 60 करोड़ रुपये की विभिन्न ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया। इन लोगों ने उसके बाद धनराशि को ऋण या अग्रिम के माध्यम से विभिन्न अचल संपत्ति परियोजनाओं और अन्य गैर-संबंधित व्यावसायिक गतिविधियों में लगा दिया।’’ उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेशन बैंक को (लगभग) 79.04 करोड़ रुपये का कथित तौर पर नुकसान हुआ है।

आरोप है कि कॉर्पोरेशन बैंक के अधिकारियों ने उक्त निजी कंपनी के एमडी के साथ साजिश रची और लीड बैंक, यानी इंडियन ओवरसीज बैंक से आहरण शक्ति की पुष्टि किए बिना 59 करोड़ रुपये (लगभग) के वितरण की अनुमति दे दी और बैंक के हितों को सुरक्षित करने के लिए कंसोर्टियम का सदस्य बनने के प्रयास नहीं किए।

जोशी ने कहा, ‘‘यह भी आरोप है कि कॉर्पोरेशन बैंक के अधिकारियों ने कार्पोरेशन बैंक को कंसोर्टियम में शामिल करने वाले लीड बैंक से एनओसी मांगने के लिए उक्त निजी कंपनी की समयसीमा बार-बार बढ़ायी। बाद में उन्होंने कन्सोर्टियम के लीड बैंक से एनओसी मांगने की शर्त हटा दी।’’

सीबीआई ने प्रदीप, शंकर और कुमार की कथित भूमिकाओं का विवरण देते हुए आरोप लगाया कि उसकी जांच से पता चला कि तत्कालीन सीएमडी, ई-कॉर्पोरेशन बैंक (प्रदीप) ने कंसोर्टियम के मौजूदा तीन बैंकों द्वारा बढ़ी हुई सीमा को साझा करने से इनकार करने का बहाना बनाकर उक्त निजी कंपनी को कथित तौर पर 60 करोड़ रुपये (लगभग) की कार्यशील पूंजी सीमा मंजूर की थी।

जोशी ने कहा, ‘‘यह भी आरोप है कि आरोपियों ने तीन बैंकों से सीमा बढ़ाने में अपना हिस्सा लेने से इनकार करने के कारणों की पुष्टि सुनिश्चित नहीं की और वित्तीय क्लोजर और टाई-अप स्थिति की वास्तविक स्थिति का पता लगाए बिना उनके हिस्से को मंजूरी दे दी।’’ सीबीआई ने आरोप लगाया कि उक्त ऋण सीमा की मंजूरी बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन है।

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Web Title: cbi files charge sheet against corporation bank chairman and others

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