नयी दिल्ली, दो फरवरी सीबीआई ने कौशाम्बी में खनिजों के अवैध खनन के लिए पट्टे देने में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पर मामला दर्ज किया है। यह मामला 2012-14 के दौरान का है जब वह जिला मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात थे। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
आरोपी अधिकारी सत्येंद्र सिंह के आवासीय परिसर सहित नौ स्थानों पर तलाशी की गई। तलाशी के दौरान अधिकारी और उनके रिश्तेदारों के नाम पर लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद तथा नयी दिल्ली में कई करोड़ की 44 संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए गए।
सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा, "तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट के परिसर में तलाशी के दौरान, लगभग 10 लाख रुपये की नकदी, अधिकारी और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, नयी दिल्ली में 44 अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज, 36 बैंक खातों में करीब 51 लाख रुपये की सावधि जमा राशि और छह लॉकरों की चाबियां मिलीं। लॉकरों में 2.11 करोड़ रुपये (लगभग) के सोने और चांदी के आभूषण तथा एक लाख रुपये (लगभग) की पुराने नोट भी मिले।"
उन्होंने कहा कि यह आरोप लगाया गया है कि 2012-14 के दौरान कौशाम्बी के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट ने दो नए पट्टे प्रदान किए थे और अन्य आरोपियों को नौ मौजूदा पट्टों का नवीनीकरण किया था, ताकि 31 मई, 2012 को जारी उत्तर प्रदेश सरकार के आदेशों में उल्लिखित ई-निविदा प्रक्रिया का पालन किए बिना खनिजों के अवैध खनन की जा सके।
यह मामला उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान अवैध खनन के मामलों की जांच का एक हिस्सा है जिस मामले की जांच इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सीबीआई को सौंप दी थी जिसमें एजेंसी ने राज्य के एक पूर्व मंत्री पर भी मामला दर्ज किया है।
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