CBI घूसकांडः डायरेक्टर आलोक वर्मा ने खटखटाया SC का दरवाजा, मोदी सरकार पर लगाए हस्तक्षेप के गंभीर आरोप  

By रामदीप मिश्रा | Published: October 24, 2018 06:37 PM2018-10-24T18:37:26+5:302018-10-24T18:37:26+5:30

अलोक वर्मा ने याचिका में कहा है कि पहले तो लंबित मामलों को नजरअंदाज कर अस्थाना को स्पेशल डायरेक्टर बनाया गया। अस्थाना कई उन संवेदनशील मामलों की भी जांच कर रहे हैं जो कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं।

cbi director alok verma filed plea in sc and leveled allegation on modi government | CBI घूसकांडः डायरेक्टर आलोक वर्मा ने खटखटाया SC का दरवाजा, मोदी सरकार पर लगाए हस्तक्षेप के गंभीर आरोप  

CBI घूसकांडः डायरेक्टर आलोक वर्मा ने खटखटाया SC का दरवाजा, मोदी सरकार पर लगाए हस्तक्षेप के गंभीर आरोप  

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में शीर्ष स्तर पर हुआ बवाल जगजाहिर हो गया, जिसके बाद राजनीति गरमा गई। वहीं, सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा ने बुधवार (22 अक्टूबर) को सुप्रीम कोर्ट (एससी) में याचिका दाखिल की, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर सीबीआई के कामकाज में हस्तक्षेप करने के आरोप लगाए हैं।

उन्होंने याचिका के जरिए आरोप लगाया है कि केद्र सरकार कई मौके पर हाईप्रोफाइल केसों में जांच की दिशा अपनी मर्जी से तय करना चाहती थी और जिस केस को लेकर उन्हें छुट्टी पर भेजा गया है वह एक संवेदनशील मामला है और कई संवेदनशील मामलों से जुड़ा है

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और सीवीसी ने रातोंरात सीबीआई निदेशक के रोल से हटाने का फैसला लिया है, जिसके बाद नए शख्स की नियुक्ति की गई, जोकि गैरकानूनी है।

अलोक वर्मा ने याचिका में कहा है कि पहले तो लंबित मामलों को नजरअंदाज कर अस्थाना को स्पेशल डायरेक्टर बनाया गया। अस्थाना कई उन संवेदनशील मामलों की भी जांच कर रहे हैं जो कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं।

वहीं, इधर सरकार की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा द्वारा सीवीसी के कामकाज में इरादतन बाधा खड़ी की गई जो उनके खिलाफ की गई भ्रष्टाचार की शिकायतों को देख रहा था, और इसके साथ ही अपने अधीनस्थ राकेश अस्थाना के साथ "गुटबंदी" की वजह से सरकार द्वारा दोनों अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया। इसमें कहा गया कि वर्मा और अस्थाना के बीच मचे घमासान की वजह से एजेंसी में कामकाज का माहौल दूषित हुआ।

सीबीआई में अभूतपूर्व घटनाओं पर सरकार की तरफ विस्तृत बयान जारी किया गया है। सीबीआई में दो सर्वोच्च अधिकारियों-वर्मा और अस्थाना-को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा मंगलवार को उनकी जिम्मेदारियों से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया। 

बयान में कहा गया कि सीबीआई के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों ने संगठन के कार्यालयी परितंत्र को दूषित किया है। इन आरोपों का मीडिया में भी काफी जिक्र हुआ। सीबीआई में गुटबंदी का माहौल अपने चरम पर पहुंच गया है जिससे इस प्रमुख संस्था की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा को गहरा आघात पहुंचा। इसके अलावा संगठन में कामकाज का माहौल भी दूषित हुआ है जिसका समग्र शासन पर गहरा और स्पष्ट प्रभाव दिखा। 

इसमें कहा गया कि यह कदम केंद्रीय सतर्कता आयोग की सिफारिश पर ‘‘असाधारण और अभूतपूर्व’’ परिस्थितियों पर विचार के बाद उठाया गया। आयोग ने निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को सभी जिम्मेदारियों से पूरी तरह मुक्त करने का आदेश पारित किया था।

Web Title: cbi director alok verma filed plea in sc and leveled allegation on modi government

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