रेल की पटरियों पर हुई मौत का कारण ‘अतिक्रमण’: रेलवे

By भाषा | Updated: June 8, 2021 20:06 IST2021-06-08T20:06:50+5:302021-06-08T20:06:50+5:30

Cause of death on railway tracks 'encroachment': Railways | रेल की पटरियों पर हुई मौत का कारण ‘अतिक्रमण’: रेलवे

रेल की पटरियों पर हुई मौत का कारण ‘अतिक्रमण’: रेलवे

नयी दिल्ली, आठ जून साल 2020 में रेल की पटरियों पर 8,733 लोगों की मौत होने का मामला सामने आने के कुछ दिनों बाद मंगलवार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने कहा कि ये मौतें ‘अतिक्रमण’ के कारण हुई हैं न कि रेल हादसों की वजह से।

प्रेस ब्रीफिंग में शर्मा ने उन उपायों के बारे में बताया जो रेलवे ने बीते दो सालों में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए किए हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में रेलवे ने 448 फुट ओवर ब्रिज का निर्माण किया है, जिससे रेल नेटवर्क में ऐसे पुलों की कुल संख्या 4,087 हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले सात सालों में 7,874 रोड ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे की बड़ी लाइनों पर सभी 20,375 मानवयुक्त क्रॉसिंग फाटकों को समाप्त कर दिया गया है।

शर्मा ने कहा, “ जिन मौतों का जिक्र किया गया है, यह अतिक्रमण से हुई हैं न कि रेल हादसों की वजह से। इनका रेलवे से कुछ लेना देना नहीं है।”

साल 2020 में रेल की पटरियों पर 8700 से ज्यादा लोगों की ट्रेनों की चपेट में आने से मौत हो गई थी। हालांकि रेलवे ने महामारी की वजह से रेल सेवा को काफी कम किया है। अधिकारियों का कहना है कि कई मृतक प्रवासी मजदूर थे।

रेलवे बोर्ड ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मध्य प्रदेश के कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ के एक सवाल के जवाब में जनवरी से दिसंबर 2020 के बीच इस तरह की मौतों के आंकड़े साझा किए हैं।

नव विकसित रेलवे स्टेशनों पर सुविधा शुल्क के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में शर्मा ने कहा कि इस तरह का शुल्क लगाने पर चर्चा की जा रही है, लेकिन अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। रेलवे द्वारा इस तरह के शुल्क लगाने की संभावना पर जनता के एक वर्ग ने आलोचना की है।

शर्मा ने यह भी कहा कि कोरोनो वायरस की स्थिति बेहतर होने के साथ ही रेलवे अपने परिचालन को सामान्य करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इसकी समय सीमा नहीं दी जा सकती है, क्योंकि महामारी अब भी एक वास्तविकता है।

फिलहाल प्रतिदिन औसतन 889 विशेष मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं जबकि प्रतिदिन 2,891 उपनगरीय सेवाएं संचालित की जा रही हैं। वहीं 479 यात्री सेवाओं का संचालन किया जा रहा है।

शर्मा ने कहा, “मांग के अनुसार ट्रेन सेवाएं प्रदान की जाती रहेंगी।”

उन्होंने यह भी कहा कि ट्रेनों की मांग बढ़ी है और पिछले महीने पांच लाख यात्रियों ने सफर किया था जो इस महीने बढ़कर 13 लाख हो गया है।

शर्मा ने कहा कि अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए अप्रैल-मई-जून 2021 के दौरान 500 अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।

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