सड़क दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेश इलाज देने की योजना बना रही है सरकार, 2.5 लाख रुपये होगी सीमा
By भाषा | Updated: July 1, 2020 05:25 IST2020-07-01T05:25:50+5:302020-07-01T05:25:50+5:30
सरकार सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए 2.5 लाख रुपये प्रति केस की दर से कैशलेस उपचार योजना शुरू करने की योजना बना रही है।

सड़क दुर्घटना पीड़ितों को नकदीरहित इलाज की सुविधा जल्द मिल सकती है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली। सरकार सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए जल्द नकदीरहित (कैशलेस) इलाज की सुविधा शुरू करने की योजना बना रही है। इसके तहत प्रत्यके मामले में अधिकतम सीमा 2.5 लाख रुपये रहेगी। देश में हर साल करीब पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। यह दुनिया में सबसे अधिक है। इन आंकड़ों को देखते हुए यह योजना काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। देश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है और तीन लाख लोग अपंग हो जाते हैं।
राज्यों के परिवहन सचिवों तथा आयुक्तों को मंगलवार को भेजे पत्र में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि नकदीरहित इलाज की योजना के लिए उसके तहत एक मोटर वाहन दुर्घटना कोष बनाया जाएगा। इस योजना को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से जोड़ा जाएगा।
इसमें कहा गया है कि सड़क दुर्घटना पीड़ितों को नकदीरहित इलाज मुहैया कराने के लिए संभवत: राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के मजबूत आईटी ढांचे का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रत्येक सड़क दुर्घटना पीड़ित चाहे वह भारतीय हो या विदेशी नागरिक इस योजना के लिए लाभार्थी माना जाएगा। यह स्कीम और 2.5 लाख रुपये प्रति व्यक्ति/दुर्घटना होगी।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना देश के 36 में से 32 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है और इस योजना का लाभ लगभग 13 करोड़ परिवारों को मिल रहा है। इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना पीड़ितों को निकटतम उपयुक्त अस्पताल में कैशलेस ट्रॉमा देखभाल उपचार की सुविधा प्रदान की जाएगी।
