कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने 'कैश फॉर क्वेश्चन' विवाद में एक बार फिर उद्योगपति गौतम अडानी को घसीटते हुए कहा कि वो इस मामले में अडानी के तैयार किये मीडिया ट्रायल या भाजपा ट्रोल्स का जवाब नहीं देंगी। उन्होंने कहा कि अगर सीबीआई या संसद की एथिक्स कमेटी उनसे कोई सवाल करती है तो वह उनका स्वागत करेंगी।
तृणमूल नेत्री मोइत्रा ने शुक्रवार को सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' के जरिये कहा कि वो 'कैश फॉर क्वेश्चन' में लोकसभा आचार समिति की जांच का स्वागत करती हैं और जब समिति उन्हें बुलाएगी तो उसके सवालों का जवाब देने के लिए हाजिर हो जाएंगी।
तृणमूल नेता मोइत्रा ने एक्स पर किये पोस्ट में कहा, "मैं सीबीआई और संसद में भाजपा सदस्यों के बहुमत वाली एथिक्स कमेटी के सवालों का स्वागत करती हूं, अगर वे मुझे बुलाते हैं तो मैं उनके सवालों का जवाब जरूर दूंगी। मेरे पास न तो समय है और न ही रुचि है कि मैं अडानी द्वारा निर्देशित मीडिया ट्रायल या बीजेपी ट्रोल्स को जवाब दूं। मैं नादिया में दुर्गा पूजा का आनंद ले रहा हूं। शुभो षष्ठी।"
'कैश फॉर क्वेश्चन' विवाद में आज घटनाक्रम बेहद तेजी से बदला। सांसद मोइत्रा के ट्वीट से पहले वकील जय अनंत देहाद्राई ने एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो में दर्ज उनकी शिकायत को वापस लेने के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, "कल दोपहर मुझ पर अपने कुत्ते हेनरी के बदले सीबीआई में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत और निशिकांत दुबे को लिखे पत्र को वापस लेने के लिए दबाव डाला गया। लेकिन मैंने साफ इनकार कर दिया। मैं सीबीआई को सारे विवरण दूंगा। मैसेंजर पूरी तरह से निर्दोष है।"
वकील जय अनंत देहाद्राई ने आगे जो भी कहा उससे प्रतीत होता है कि वह सीधे तौर पर तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा को निशाना बना रहे थे, जो 'कैश फॉर क्वेश्चन' विवाद के केंद्र में हैं।
मालूम हो कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा संसद की आचार समिति को दी गई शिकायत के अनुसार वकील देहाद्राई ने उन्हें कथिततौर पर ''कैश फॉर क्वेश्चन' विवाद में तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा की संलिप्तता का सबूत दिया था।
उससे पहले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी ने 'कैश फॉर क्वेश्चन' विवाद में 3 पेज के दिये अपने हलफनामे में दावा किया कि महुआ मोइत्रा ने प्रसिद्धि पाने के लिए अडानी समूह पर हमला किया। हीरानंदानी ने आगे दावा किया कि महुआ मोइत्रा ने अपने संसद लॉगिन क्रेडेंशियल उनके साथ साझा किए थे।
वहीं दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे की विश्वसनीय और मजाक बताते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा, "हलफनामा न कि किसी आधिकारिक लेटरहेड या नोटरी पर है, यह केवल एक मजाक भर है। भारत के सबसे सम्मानित व्यवसायियों में से भला इस तरह से किसी पत्र पर दस्तखत क्यों करेगा जब तक कि ऐसा करने के लिए उसके सिर पर बंदूक न रखी गई हो?
मोइत्रा ने आरोप लगाया , "हीरानंदानी का हलफनामा एक मजाक है। स्पष्ट है कि इसे पीएमओ में कुछ आधे-बुद्धिमान लोगों द्वारा तैयार किया गया है, जो भाजपा के आईटी सेल में भी काम करते हैं।“
उन्होंने कहा, "पीएमओ ने दर्शन हीरानंदानी और उनके पिता के सिर पर एक बंदूक तान दी और उन्हें भेजे गए इस पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए 20 मिनट का समय दिया। उन्हें धमकी दी गई कि उनका पूरा व्यवसाय बंद करा दिया जाएगा। उनसे कहा गया कि सीबीआई उन पर छापा मारेगी और सारे व्यवसाय बंद करा दिए जाएंगे।"