Cash For Query: महुआ मोइत्रा के बचाव में उतरे तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी, बोले- "पुख्ता सबूत के बिना कैसे हो सकता है संसद से निष्कासन"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 9, 2023 02:46 PM2023-11-09T14:46:40+5:302023-11-09T14:52:21+5:30
संसद में कथिततौर पर पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों का सामना कर रही महुआ मोइत्रा को तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी का साथ मिला है। अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि बिना पुख्ता सबूत के महुआ का संसद से निष्कासन कैसे किया जा सकता है।
कोलकाता: संसद में कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कथित इशारों पर और उपहारों के बदले अडानी समूह से संबंधित सवाल पूछने के आरोपों में फंसी सांसद महुआ मोइत्रा को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी का साथ मिला है। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को देने से पहले महुआ मोइत्रा के साथ एकजुटता दिखाते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि महुआ मोइत्रा अपनी लड़ाई खुद लड़ने में सक्षम हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अभिषेक बनर्जी ने कहा, "इस मसले में ध्यान देने की बात यह है कि कल एथिक्स कमेटी ने महुआ के निष्कासन की सिफारिश की। जब उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं है तो ऐसे में सवाल उठता है कि भला आप निष्कासन की सिफारिश कैसे कर सकते हैं? मुझे लगता है कि महुआ मोइत्रा अपनी लड़ाई खुद लड़ने में सक्षम हैं। वे मुझे भी पिछले 4 वर्षों से विभिन्न मामलों में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।”
लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, ''एक महीने पहले जब नई संसद में 4 दिन का सत्र बुलाया गया था तो बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसद की गरिमा को खत्म करने की कोशिश की थी और बीजेपी के कई सांसद हैं, जिनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला है लेकिन उनके खिलाफ कोई सुनवाई नहीं होती। हां अगर कोई अडानी के भ्रष्टाचार पर बात करे तो या सरकार से सीधे सवाल पूछे तो उन्हें सांसद पद से हटाया जा सकता है।''
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ 'कैश-फॉर-क्वेरी' आरोपों की जांच कर रही लोकसभा आचार समिति की बैठक से पहले समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा कि एक रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया गया है और चर्चा के बाद इसे लोकसभा अध्यक्ष को भेजा जाएगा।
समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक महुआ मोइत्रा के अलावा मसौदा रिपोर्ट में लोकसभा की प्रक्रिया और कामकाज के संचालन के नियमों के नियम 275 का उल्लंघन करने के लिए बसपा सांसद दानिश अली को भी चेतावनी दी गई है। नियम 275 संसदीय समितियों की कार्यवाही की गोपनीयता से संबंधित है।
वहीं जब एथिक्स कमेटी के प्रमुख विनोद सोनकर से महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "समिति इस पर फैसला करेगी। सभी तथ्यों की जांच करने के बाद वह अपनी रिपोर्ट स्पीकर को भेजेगी।"
सूत्रों के मुताबिक एथिक्स कमेटी महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश कर सकती है और समिति के सदस्य बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
इससे पहले आज महुआ मोइत्रा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर सदन के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया और दावा किया कि नैतिकता पर लोकसभा समिति की मसौदा रिपोर्ट एक समाचार चैनल द्वारा देखी गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि चूंकि मीडिया हाउस का स्वामित्व अडानी समूह के पास है, इसलिए यह कॉर्पोरेट धोखाधड़ी और नियमों के उल्लंघन का मामला है।