सांभर में पक्षियों की मौत का मामला: राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुलाई बैठक, पक्षियों की मौत के कारण और बचाव की समीक्षा

By धीरेंद्र जैन | Updated: November 22, 2019 05:50 IST2019-11-22T05:50:27+5:302019-11-22T05:50:27+5:30

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है। रोग के कारण और निवारण ढूंढने की आवश्यकता है। 

Case of death of birds in Sambhar: Governor Kalraj Mishra convened meeting, review of causes and rescue of birds' death | सांभर में पक्षियों की मौत का मामला: राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुलाई बैठक, पक्षियों की मौत के कारण और बचाव की समीक्षा

सांभर में पक्षियों की मौत का मामला: राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुलाई बैठक, पक्षियों की मौत के कारण और बचाव की समीक्षा

राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में बुलाई एक महत्वपूर्ण तात्कालिक बैठक में सांभर में हुई पक्षियों की मौत और बचाव के उपायों के बारे में मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता और वन व पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से विस्तृत चर्चा कर मामले की समीक्षा की।

राज्यपाल ने कहा कि पक्षियों की मौत का मामला गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि पक्षियों की मौत के कारण और रोग निवारण के उपाय ढूंढने आवश्यक हैं। रोग के फैलाव को रोकने और रोग से बचाव के लिए पुख्ता प्रबन्ध किये जाने आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि इस बीमारी पर तत्काल नियंत्रण किया जाना भी बेहद जरूरी है। राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान में विश्व के अनेक दूर-दराज के स्थानों से प्रवास करके यहां पक्षी आते हैं। प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा हमारे राज्य की जिम्मेदारी है। राज्यपाल ने पक्षियों के इस रोग पर नियंत्रण करने और बचाव के लिए किये गये राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय व देश की अन्य प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिकों के समन्वित व सामूहिक प्रयास की प्रंशसा की।  

राज्यपाल को मुख्य सचिव डी.बी.गुप्ता ने बताया कि ऐसी घटना राज्य में पहली बार हुई है। घटना की जानकारी होते ही राज्य के पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय और आईबीआरआई, बरेली की पशु-पक्षी रोग जांच प्रयोगशाला के विशेशज्ञों के दलों को तुरन्त बुला लिया गया था। राजुवास के कुलपति डॉ. विष्णु शर्मा द्वारा डॉ. अनिल कटारिया की अध्यक्षता में गठित दल ने रोग की पहचान कराने में मदद की। मुख्य सचिव श्री गुप्ता ने बताया कि अब तक मृत पक्षियों की संख्या 17981 है। लगातार समन्वित प्रयासों से इस बीमारी पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया गया है। राज्य वैटलैण्ड ऑथोरिटी का गठन करने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया जा रहा है। सांभर झील के प्रबंधन के लिए सांभर मैनेजमेंट प्लान की विस्तृत रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है।

बैठक में वन विभाग की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा ने बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजिज की रिपोर्ट में उल्लेख है कि यह रोग बर्ड फ्लू नहीं है। पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के लैब के वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के अनुसार संभवतया यह एवियन बोटुलिज्म रोग प्रतीत हो रहा है। आईबीआरआई, बेरली की लैब से भी पक्षियों के रोग की जांच की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट शीघ्र ही प्राप्त हो जायेगी। घटना स्थल पर एम्बुलेन्स की तुरन्त व्यवस्था कर दी गई थी। प्रमुख सचिव ने बताया कि जयपुर, नागौर और अजमेर क्षेत्र के जिला कलक्टर को विडीयो कान्फ्रेस के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए हैं। बीमार पक्षी इलाज के बाद शीघ्रता से स्वस्थ हो रहे हैं।

Web Title: Case of death of birds in Sambhar: Governor Kalraj Mishra convened meeting, review of causes and rescue of birds' death

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