प्रधानमंत्री की आलोचना वाले पोस्टर चिपकाने को लेकर तीसरे पक्ष के कहने पर प्राथमिकी रद्द नहीं कर सकते : न्यायालय

By भाषा | Updated: July 30, 2021 16:59 IST2021-07-30T16:59:02+5:302021-07-30T16:59:02+5:30

Can't quash FIR on third party's request for pasting posters criticizing PM: SC | प्रधानमंत्री की आलोचना वाले पोस्टर चिपकाने को लेकर तीसरे पक्ष के कहने पर प्राथमिकी रद्द नहीं कर सकते : न्यायालय

प्रधानमंत्री की आलोचना वाले पोस्टर चिपकाने को लेकर तीसरे पक्ष के कहने पर प्राथमिकी रद्द नहीं कर सकते : न्यायालय

नयी दिल्ली, 30 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह कोविड-19 टीकाकरण अभियान के सिलसिले में कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना वाले पोस्टर चिपकाने को लेकर दर्ज प्राथमिकी किसी तीसरे पक्ष के कहने पर रद्द नहीं कर सकता क्योंकि यह फौजदारी कानून में एक गलत उदाहरण स्थापित करेगा।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता प्रदीप कुमार यादव को इसे वापस लेने की अनुमति दे दी लेकिन स्पष्ट किया कि याचिका का खारिज किया जाना प्राथमिकी रद्द करने के लिए अदालत का रुख करने वाले वास्तविक पीड़ित व्यक्ति की राह में आड़े नहीं आएगा।

पीठ ने कहा, ‘‘ हम तीसरे पक्ष के कहने पर प्राथमिकी रद्द नहीं कर सकते। यह सिर्फ अपवादस्वरूप मामलों में किया जा सकता है जैसे कि याचिकाकर्ता अदालत नहीं कर सकता हो या उसके माता पिता यहां हों लेकिन किसी तीसरे पक्ष के कहने पर नहीं। यह फौजदारी कानून में एक गलत उदाहरण स्थापित करेगा। ’’

यादव ने कहा कि उन्होंने मामले का ब्योरा दाखिल किया है क्योंकि न्यायालय ने इसके लिए कहा था। यादव ने अपनी जनहित याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी थी, जिसकी न्यायालय ने अनुमति दे दी है।

शीर्ष अदालत ने 19 जुलाई को यादव को कथित तौर पर पोस्टर चिपकाने के लिए दर्ज मामलों और गिरफ्तार किये गये लोगों की सूची उसके संज्ञान में लाने को कहा था।

न्यायालय ने कहा था कि वह केंद्र की टीकाकरण नीति की आलोचना करने वाले पोस्टर चिपकाने को लेकर प्राथमिकी नहीं दर्ज करने का पुलिस को आदेश नहीं दे सकता है।

यादव ने याचिका दायर कर कोविड-19 टीकाकरण अभियान के सिलसिले में कथित तौर पर मोदी की आलोचना करने वाले पोस्टर चिपकाने को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की थी।

उन्होंने दिल्ली पुलिस आयुक्त को टीकाकरण अभियान से जुड़े पोस्टर/ विज्ञापन/विवरणिका आदि के सिलसिले में कोई और मामला/प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में चिपकाये गये पोस्टरों के सिलसिले में कम से कम 25 प्राथमिकियां दर्ज की गई और 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

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Web Title: Can't quash FIR on third party's request for pasting posters criticizing PM: SC

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