क्या बीमा कंपनियां दुर्घटना होने पर लोगों के उपचार की लागत तत्काल मुहैया करा सकती हैं?: केरल उच्च न्यायालय करेगा समीक्षा
By भाषा | Updated: October 27, 2021 16:33 IST2021-10-27T16:33:46+5:302021-10-27T16:33:46+5:30

क्या बीमा कंपनियां दुर्घटना होने पर लोगों के उपचार की लागत तत्काल मुहैया करा सकती हैं?: केरल उच्च न्यायालय करेगा समीक्षा
कोच्चि, 27 अक्टूबर केरल उच्च न्यायालय इस सवाल पर विचार कर रहा है कि क्या बीमा कंपनियां किसी दुर्घटना का शिकार हुए व्यक्ति के इलाज का खर्च तत्काल वहन कर सकती हैं।
अदालत ने इस सवाल पर विचार के लिए स्वयं एक जनहित याचिका पर सुनवाई आरंभ की है।
इडुक्की के कुट्टिकानम में स्थित ‘मरियन इंटरनेशनल मैनेजमेंट स्टडीज’ के छात्रों ने दुर्घटना का शिकार हुए लोगों के तत्काल उपचार या किसी विशेषज्ञ से उनके उपचार की लागत को बीमा कंपनियों या उनके नियामक बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) द्वारा वहन किए जाने के संबंध में न्यायमूर्ति सुनील थॉमस को एक पत्र लिखा था। इसके बाद अदालत ने इसे जनहित याचिका के रूप मं लेकिर इस पर सुनवाई शुरू की।
अदालत ने कहा कि छात्रों की एक सहपाठी घर लौटते समय हादसे का शिकार हो गई थी। एक सरकारी चिकित्सकीय कॉलेज में भर्ती कराए जाने के बावजूद उसके माता-पिता को स्कैनिंग जैसी जांच एवं अन्य सुविधाओं के लिए करीब एक लाख रुपए खर्च करने पड़े थे, क्योंकि यह सुविधा सरकारी अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी और उन्हें निकटवर्ती निजी अस्पतालों में जाना पड़ा था। इस घटना के बाद छात्रों ने यह मामला उठाया।
छात्रों ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि कुली के रूप में काम करने वाले उनकी सहपाठी के माता-पिता को कोरोना वायरस महामारी के बीच धन का प्रबंध करने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा, इसलिए उन्होंने अदालत से बीमा कंपनियों और इरडा को दुर्घटना का शिकार हुए लोगों के तत्काल इलाज की लागत वहन करने और बाद में बीमा दावे से राशि काटने का निर्देश देने का आग्रह किया है।
न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति सी जयचंद्रन की पीठ के समक्ष बुधवार को यह मामला सूचीबद्ध था। पीठ ने कहा कि इस मामले पर अगले सप्ताह उपयुक्त पीठ सुनवाई करेगी। केरल राज्य की ओर से वरिष्ठ सरकारी वकील वी टेकचंद पेश हुए।
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