चीनी प्रोडक्ट्स का बायकाट, भारत में आज से शुरू होगा ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’

By निखिल वर्मा | Updated: June 10, 2020 07:38 IST2020-06-10T07:31:08+5:302020-06-10T07:38:59+5:30

भारत-चीन सीमा विवाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के नारे की वजह से भारत में चीनी सामानों के बॉयकाट का मुद्दा सोशल मीडिया पर छाया हुआ है.

CAIT to launch nationwide campaign to boycott Chinese goods | चीनी प्रोडक्ट्स का बायकाट, भारत में आज से शुरू होगा ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’

चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 56 अरब डॉलर का है (फाइल फोटो)

Highlightsचीन ने भारत में छह अरब डॉलर से भी ज्यादा का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कर रखा हैभारत की दवा बनाने वाली कंपनियां क़रीब 70 फीसदी एपीआई यानि कच्चा माल चीन से आयात करती हैं.भारत के साथ चीन का व्यापार पिछले 15 वर्षों में लगभग एकतरफा हो गया है

भारत और चीन के सीमा पर जारी तनाव के बीच देश में चीनी सामानों की खपत कम करने के लिए सोशल मीडिया में अभियान छिड़ा हुआ है। अब छोटे व्यापारियों के शीर्ष संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) आज से देश भर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर एक राष्ट्रीय अभियान ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’ शुरू करेगा। कैट ने दिसंबर 2021 तक चीनी वस्तुओं के भारत द्वारा आयात में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये कटौती का लक्ष्य रखा है। 

कैट ने चीन से आयात किए जाने वाले लगभग 3000 ऐसे उत्पादों की सूची बनायी है, जिनके आयात नहीं करने से देश को कोई अंतर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह वस्तुएं देश में पहले से बन रही हैं। कैट ने एक बयान में कहा की इस अभियान के अंतर्गत वह जहां व्यापारियों को चीनी वस्तुएं न बेचने का आग्रह करेगा, वहीं देश के लोगों से चीनी वस्तुओं के स्थान पर स्वदेशी उत्पादों को इस्तेमाल में लाने का भी आग्रह करेगा। 

इस तरह वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लोकल पर वोकल’ आह्वान को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। इस बारे में कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि चीन हमेशा से महत्वपूर्ण मामलों में भारत का विरोधी रहा है। साथ ही भारत के खिलाफ पाकिस्तान की कुटिल चालों और आतंकवाद को बढ़ावा देने में चीन का अप्रत्यक्ष रूप से बड़ा हाथ रहा है। 

इस बात को देखते हुए कैट पिछले चार वर्षों से चीनी उत्पादों के बहिष्कार को लेकर लगातार समय समय पर आंदोलन छेड़ता रहा है। इन अभियानों और सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की वजह से वर्ष  2018 से अब तक चीन से आयात में लगभग 6 अरब डॉलर की कमी हुई है।

भारत को होता है व्यापार घाटा

साल 2019 में चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 56.77 अरब डॉलर रहा। चीन-भारत का द्विपक्षीय व्यापार पिछले साल 639.52 अरब युआन (करीब 92.68 अरब डॉलर) रहा। वर्ष-2019 में भारत ने चीन से करीब 75 अरब डॉलर का आयात किया है जबकि करीब 18 अरब डॉलर का निर्यात किया है।

Web Title: CAIT to launch nationwide campaign to boycott Chinese goods

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