केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भूविज्ञान के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और अमेरिका के बीच समझौता ज्ञापन को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी । इससे पूर्वी हिमालय क्षेत्र और लद्दाख में शैल-संरचना से जुड़े भूगर्भीयज्ञान को बढ़ावा मिलेगा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । सरकारी बयान के अनुसार, इसके तहत भूविज्ञान के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत के खान मंत्रालय के तहत भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और अमेरिका के फ्लोरिडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (एफआईयू) के पृथ्वी एवं पर्यावरण विभाग, कला, विज्ञान एवं शिक्षा कॉलेज की ओर से उसके न्यासी बोर्ड के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी गई है। बयान में कहा गया है कि इस समझौता ज्ञापन के तहत दोनों पक्ष भूगर्भिक एवं विवर्तनिक पर्यावरण और पूर्वी हिमालय क्षेत्र के भूगर्भिक इतिहास और इससे जुड़े भूगर्भीय ज्ञान का विकास और उससे संबंधित विषय पर शोध करेंगे । इसमें लद्दाख के शैल-संरचना से संबंधित क्षेत्रीय भूवैज्ञानिक, भू-रासायनिक, शैल विज्ञान संबंधी अध्ययनों के क्षेत्र में सहकारी परियोजनाओं को विकसित करना शामिल है। दोनों पक्ष प्रौद्योगिकी एवं भूवैज्ञानिक आंकड़ों से संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे । बयान में कहा गया है कि यह समझौता ज्ञापन भूविज्ञान के क्षेत्र में सहयोग से संबंधित भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और फ्लोरिडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (एफआईयू) के बीच एक संस्थागत तंत्र प्रदान करेगा।
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