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Budget 2020: मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर परिषद का 30 प्रतिशत बजट नयी परियोजनाओं के लिये आवंटित करने को मंजूरी दी

By भाषा | Updated: January 30, 2020 11:01 IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि पूर्वोत्तर राज्य के बजट का 30 प्रतिशत आवंटन उपेक्षित क्षेत्र, उपेक्षित वर्ग एवं उभरते हुए प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लिए होगा।

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ठळक मुद्देकेंद्रित विकास की नई परियोजनाओं के लिए करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी । इस व्यवस्था से सरलीकरण होगा, काम की गति बढ़ेगी और विकास के अवसर बढ़ेंगे ।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर परिषद के बजट में से 30 प्रतिशत राशि का आवंटन वंचित क्षेत्रों, समाज के उपेक्षित वर्गों तथा उभरते प्राथमिक क्षेत्रों पर केंद्रित विकास की नई परियोजनाओं के लिए करने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि पूर्वोत्तर राज्य के बजट का 30 प्रतिशत आवंटन उपेक्षित क्षेत्र, उपेक्षित वर्ग एवं उभरते हुए प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लिए होगा।

उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से सरलीकरण होगा, काम की गति बढ़ेगी और विकास के अवसर बढ़ेंगे । उन्होंने कहा कि इससे पूर्वोत्तर के वंचित क्षेत्र एवं समाज के वंचित वर्गो को लाभ मिलेगा । सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, पूर्वोत्तर राज्यों के वंचित क्षेत्रों, समाज के उपेक्षित वर्गों तथा उभरते प्राथमिक क्षेत्रों के केंद्रित विकास के लिए मौजूदा ‘पूर्वोत्तर परिषद की योजनाएं’ के तहत नई परियोजनाओं के लिए पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के आवंटन के 30 प्रतिशत के आवंटन को मंजूरी दी गई है ।

इसमें कहा गया है कि शेष आवंटन को मौजूदा 2 घटकों (राज्य घटक-60 प्रतिशत और केंद्रीय घटक 40 प्रतिशत) में विभाजित किया जाएगा। मूल्यांकन एवं स्वीकृति प्रणाली को सरल बनाने के उद्देश्य से पूर्वोत्तर परिषद के मार्ग-निर्देशों की समीक्षा की जाएगी।

इसमें कहा गया है कि राज्य घटक के तहत, प्रत्येक राज्य के निर्देशात्मक आवंटन की अधिकतम 25 प्रतिशत धनराशि उन परियोजनाओं के लिए आवंटित करना, जो पूर्वोत्तर परिषद के शासनादेश में शामिल क्षेत्रों में नहीं हैं, किंतु जिन्हें राज्य सरकारों के सुझावों के अनुसार स्थानीय जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। 

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